BSNL के इस कदम से मुकेश अंबानी की बढ़ेगी टेंशन? Jio और Airtel को मिलेगी कड़ी टक्कर

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BSNL vs Reliance Jio

BSNL VS JIO: बीएसएनएल जल्‍द ही 5G सेवाएं ला सकती है। इससे जियो और एयरटेल के सामने बड़ी चुनौती आने के आसार हैं। बीएसएनएल अलग-अलग स्टार्टअप्स और कंपनियों के साथ मिलकर 5जी सेवाएं शुरू करेगी।

BSNL vs Reliance Jio: भारत संचार निगम लिमिटेड (BSNL) अपनी आगामी 5जी सेवा को लेकर सुर्खियां बटोर रहा है। कंपनी की प्लानिंग अपने नए 5जी नेटवर्क के जरिए हाई-स्पीड इंटरनेट और उन्नत कॉलिंग सुविधाएं देने की है। इससे जियो और एयरटेल जैसी दिग्गज कंपनियों को कड़ी टक्कर मिलने के आसार हैं। बीएसएनएल ने यह कदम ऐसे समय में उठाया है जब सोशल मीडिया पर लोगों को जियो और एयरटेल की महंगी सेवाओं को छोड़कर बीएसएनएल अपनाने के लिए बढ़ावा दिया जा रहा है।

इकोनॉमिक टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, कीमतों में बढ़ोतरी लागू होने के बाद से एसएनएल ने 2.75 मिलियन से अधिक ग्राहक जोड़े हैं, जिनमें बड़ी संख्या में पोर्ट-इन उपयोगकर्ता भी शामिल हैं। एसएनएल ने अपनी 5G सेवाओं को शुरू करने के लिए कई स्टार्टअप और कंपनियों के साथ साझेदारी की है। इससे उपभोक्ताओं को सस्ते दामों पर 5G सेवाएं मिलने की उम्मीद है। निजी कंपनियों मुकेश अंबानी की रिलायंस जियो, भारती एयरटेल और वोडाफोन आइडिया द्वारा हाल ही में दरों में बढ़ोतरी के बाद एसएनएल के नए ग्राहकों में वृद्धि देखी गई है।

बीएसएनएल को टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS), लेखा वायरलेस और अमंत्य टेक्नोलॉजीज जैसी कई प्रमुख भारतीय कंपनियों से परीक्षण प्रस्ताव मिले हैं। ये कंपनियां वॉयस, वीडियो, डेटा, नेटवर्क स्लाइसिंग, प्राइवेट ऑटोमेटिक ब्रांच एक्सचेंज (PABX) जैसी विभिन्न 5G-आधारित सेवाओं का पता लगाएंगी।

उधर, केंद्रीय दूरसंचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने बताया कि बीएसएनएल के ग्राहकों की संख्या बढ़ रही है। कंपनी का घरेलू 4जी नेटवर्क भी तैयार है। इसे 5जी में बदलने का काम चल रहा है। सिंधिया ने कहा, ‘कई लोगों ने पूछा था कि जब जियो, एयरटेल और वोडाफोन ने 4जी नेटवर्क शुरू किया तो बीएसएनएल ने क्यों नहीं? यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संकल्प था कि अगर हमें सरकारी कंपनी का नेटवर्क विकसित करना है तो हम चीन या किसी अन्य विदेशी देश के उपकरणों का उपयोग नहीं करेंगे।’

सिंधिया ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने ‘आत्मनिर्भर भारत’ के तहत संकल्प लिया है कि भारत अपना खुद का 4जी स्टैक, कोर सिस्टम या टावर विकसित करेगा। इसे रेडिएशन एक्सेस नेटवर्क (आरएएन) कहा जाता है। भारत अपनी तकनीक विकसित करेगा और देशवासियों को 4जी नेटवर्क देगा। इसमें हमें डेढ़ साल लग गए। भारत अपनी स्वदेशी तकनीक रखने वाला पांचवां देश बन गया है। टावर लगाने का काम चल रहा है। तेजस नेटवर्क, सी-डॉट और टीसीएस जैसी भारतीय कंपनियां विभिन्न क्षेत्रों में काम कर रही हैं। बीएसएनएल इसे लागू कर रहा है।

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