क्रूर औरंगजेब ने अपने ही बेटे को उतार दिया मौत के घाट, ये गुस्ताखी नहीं की थी बर्दाश्त
मुगलों की कहानी तो हमने सुनी ही है और काफी लोग इसके बारे में बहुत कुछ जानते भी नहीं हैं.
एक लड़ाई के बाद दाराशिकोह पहले आगरा लौटा और फतह का झंडा लेकर औरंगजेब अपने भाई से मिलने चला गया था.
औरंगजेब ने अपने एक भरोसेमंद हिजड़े के हाथों शाहजहां को तबियत के लिए खुश के चलते बोला था.
शाहजहां औरंगजेब के दोमुंहेपन और सत्ता के लिए उसकी ललक को जानता ही था.
सुल्तान महमूद औरंगजेब का अपना बड़ा बेटा था और औरंगजेब को लगता था उसका बेटा ही आगरा में दाखिल होने से उनकी मदद कर सकता है.
औरंगजेब को जब पता चला उसका बेटा कुछ गलत कर रहा है तो उसने सलीमगढ़ के क़िले में उसे कैद कर लिया था.
1676 में सलीमगढ़ के इसी क़िले में औरंगजेब ने अपने बेटे सुल्तान महमूद को ज़हर देकर मरवा दिया था.
बड़े बेटे को मारने के बाद वो अपने दुसरे बेटे को भी इसी बारें में समझाता रहा था.
उसको समझया कि तुम भी अक्ल से काम लेना, वरना तुम्हारा भी वही हश्र होगा.