Mughal Haram : जानिए मुगल हरम में रानियां को खुश रखने के लिए किस चीज का सेवन करते थे बादशाह खाते थे यह चीज

अपनी मर्दानगी को बरकरार रखने के लिए उसने अपनी चाहत को पूरा करने के लिए तरह-तरह के नुस्खे अपनाए। अब भी, उनकी कहानियों में उनके द्वारा उपयोग किए जाने वाले आयुर्वेदिक और यूनानी नुस्खों का उल्लेख है-
तीतर से लेकर दवाइयों तक
रदाना कभी तीतर और बटेर खाता और कभी टॉनिक लेता। महाराजा ने पूरी कोशिश की कि वे कमज़ोर न दिखें। विशेषज्ञों का कहना है कि ग्रीक व्यंजनों में प्रोटीन की आवश्यकता होती थी, जिसके लिए वे गर्म मांस खाते थे।
इसीलिए सूखे मेवे मांस के साथ खाए जाते थे। उन्होंने प्याज, लहसुन, खजूर और अदरक भी खाया। ये गर्म चीजें ताकत बढ़ाती हैं. कुछ राजा हरताल वर्किया जड़ी बूटी को पान में मिलाकर खाते थे।
मांस और सोने का सेवन
अवध के नवाब वाजिद अली शाह ने मर्दाना ताकत बढ़ाने की कहानी बताई, जो उनके समय में बहुत लोकप्रिय थी। नवाब का रसोइया प्रतिदिन शाही खजाने से एक अशर्फी लेता और उसे सोने की राख बनाता था। एक दिन नवाज का खाने का स्वाद बदल गया. दरअसल, उन्होंने रसोइये के खाने में सोने की राख मिला दी थी. इससे भोजन का स्वाद और नवाब का पौरुष बढ़ गया।
यह चलन सिर्फ नवाबों के बीच ही नहीं था, बल्कि मुगल बादशाहों के शाही खान-पान में भी देखा जाता था। आयुर्वेद में कई प्रकार के रसों और भस्मों का उल्लेख मिलता है। कुछ मुगल शासक राख और तवे पर उबाला हुआ मांस खाते थे। इतिहास हमें बताता है कि कुछ मुगल शासक इंद्रगोप कीड़े, जंगली खरगोश और काले हिरण की नाभि खाते थे। उनका मानना था कि इससे पुरुष शक्ति बढ़ती है।