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 शिक्षकों पर मेहरबान हुई योगी सरकार, दिवाली पर दिया बड़ा तोहफा

 
योगी सरकार अध्यापकों पर हुई मेहरबान, दिवाली का दिया बड़ा तोहफा
 

नई दिल्लीः अगर आप उत्तर प्रदेश में परिषदीय प्राथमिक स्कूलों में अध्यापक की नौकरी कर रहे हैं तो फिर इस बार दिवाली बहुत ही जगमग होने जा रही है। सरकार दिवाली पर अध्यापकों के लिए ऐसा ऐलान करने जा रही है, जो किसी बड़ी सौगात से कम नहीं होगा।

आपके दिमाग में चल रहा होगा कि ऐसा क्या ऐलान होगा, जो सरकार सभी टीचरों का दिल जीतने वाली है, जिसे जानने के लिए आपको हमारा आर्टिकल ध्यान से पढ़ना होगा। सरकार सहायक अध्यापकों की पदोन्नति करने वाली है।

यह पदोन्नति 68,500 सहायक अध्यापकों की होगी, जो बड़ी खुशखबरी होगी। सरकार प्रमोशन की प्रक्रिया को अगले महीने के पहले सप्ताह में ही पूरा कर लेगी, जिसकी चर्चा तेजी से चल रही है। सरकार ने आधिकारिक तौर पर भी इस बिंदु पर काफी संजीदा है।

जानिए किन अध्यापकों को मिलने जा रहा प्रमोशन

राज्य सराकर की ओर से किन अध्यापकों का प्रमोशन क्या जाएगा, यह संशय बिल्कुल भी ना पालें, क्योंकि यह ऐलान भी कर दिया गया है। उन शिक्षकों का प्रमोशन किया जाएगा, जिन्होंने पांच साल की सर्विस पूरी कर ली है।

इसके साथही बेसिक शिक्षा परिषद के सचिव प्रताप सिंह बघेल ने 15 अक्टूबर को एक नोटिफिकेशन जारी कर आदेश दिया था। इसमें 30 सितंबर 2023 तक पांच साल की सेवा पूरी कर चुके शिक्षकों को भी शामिल करने का फैसला लिया गया है।

इससे अब इस रेस में 68500 भर्ती हुए शिक्षक भी शामिल होने हैं। अगर आप भी इस भर्ती के शिक्षक हैं तो फिर प्रमोशन की भागदौड़ में लग जाएं, क्योंकि सरकार दिवाली तोहफा दे रही है। हाथ से मौका निकला तो फिर चूक जाएंगे।

जानिए किन्हें देना होगा प्रमाणपत्र

अगर आप सहायक अध्यापक हैं और प्रमोशन चाहते हैं तो फिर बिल्कुल भी देर नहीं करें। हम आपको एक सुनहरा मौका देने जा रहे हैं। इसके लिए आपको कुछ जरूरी बातों का ध्यान रखना होगा। सीनियर्स की लिस्ट को अपलोड करने का एक प्रमाणपत्र भी बीएसए को जमा करना होगा।

साथ ही इसमें ध्यान देने वाली बात है कि शिक्षकों की सीनियर्स लिस्ट मानव संपदा पोर्टल पर 24 जुलाई तक अपलोड करने की जरूर होगी। साथ ही प्रयागराज के साथ ही कई जिलों में 2009 से नियुक्त शिक्षकों की पदोन्नति नहीं हो पाई है। शिक्षकों के प्रमोशन का मामला पिछले करीब 6 महीने से चर्चा का विषय बना हुआ है। वहीं, अध्यापकों के मुताबिक, समय से प्रमोशन न होने से उन्‍हें हर महीने औसतन ढाई से तीन हजार रुपयों का नुकसान उठाना पड़ रहा है।

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