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हरियाणा मे सुबह से ही बदला मौसम का मिजाज... हल्की बूंदाबांदी के साथ छाए रहे बादल

Haryana Weather News: गुरूवार सुबह तेज धूप थी, लेकिन दोपहर तक Bay of Bengal से आ रही नमी के कारण मौसम में बदलाव हुआ है।
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सुबह से ही बदला मौसम का मिजाज... हल्की बूंदाबांदी के साथ छाए रहे बादल
Haryana Weather News: बंगाल की खाड़ी से आ रही नम हवाओं के प्रभाव से गुरुवार सुबह से ही रायपुर सहित प्रदेश भर में Season का मिजाज बदल गया। हल्की drizzling के साथ ही बादल छाए रहे। मौसम विभाग का कहना है कि अभी आने वाले चार दिनों तक मौसम का मिजाज ऐसा ही रहेगा। अधिकतम व न्यूनतम तापमान में गिरावट आएगी, इससे बढ़ती हॉट से लोगों को थोड़ी राहत भी मिलेगी।

मौसम विभाग का कहना है कि कुछ क्षेत्रों में ओले भी गिर सकते है।Thursday सुबह रायपुर के दलदल सिवनी, मोवा इलाके में हल्की वर्षा भी हुई,साथ ही बिलासपुर सहित प्रदेश के कई क्षेत्रों में हल्की वर्षा हुई। इसके चलते अधिकतम व न्यूनतमt emperature में तीन से चार डिग्री सेल्सियस तक गिरावट के आसार है।
meteorologist एचपी चंद्रा ने बताया कि बंगाल की खाड़ी से आ रही नम हवाओं के प्रभाव से मौसम के मिजाज में बदलाव हुआ है। 20 मार्च तक प्रदेश में मौसम का मिजाज ऐसा ही बना रहेगा।

 

21 से बदलेगा मौसम
मार्च के आखिरी 10 दिन तपाने वाले होंगे। मौसम विज्ञानियों का कहना है कि 21 march  से मौसम का मिजाज फिर से बदलेगा और अधिकतम तापमान में बढ़ोतरी शुरू होगी, इससे गर्मी में और बढ़ोतरी होगी।

 

मौसम ने ली करवट, बस्तर अंचल समेत प्रदेशभर में आधा घंटा बरसे बादल
हरियाणा । पिछले एक सप्ताह में दूसरी बार बस्तर अंचल में गुरुवार को बारिश हुई। Afternoon बाद मौसम ने अचानक करवट बदली और तीन बजे के आसपास आधा घंटा हुई बारिश से मौसम सुहाना हो गया। यहां सिटी  में छीटें ही पड़े लेकिन शहर से सटे ग्रामीण क्षेत्रों बालीकोंटा, तितिरगांव, कालीपुर, आड़ावाल आदि दस से 15 kilometers के क्षेत्र मे अच्छी बारिश हुई। ज्यादा तेज और देरी तक बारिश नहीं होने से फसलों को नुकसान नहीं पहुंचा। साग-सब्जी की खेती करने वाले kisan  का कहना था कि यदि Rain ज्यादा समय तक होती तो Harm उठाना पड़ सकता था।


ज्ञात हो 10 मार्च को रात में भी अंचल में बारिश हुई थी। तब से आसमान में ज्यादातर समय बादल ही छाए रहे हैं। सूरज की बादलों से आंखमिचौली जारी रही है। भारत मौसम विज्ञान विभाग के रायपुर स्थित मौसम केंद्र से जारी सूचना के अनुसार एक पश्चिमी विक्षोभ मध्य और ऊपरी वातावरण में चक्रीय चक्रवाती परिसंचरण के रूप में पूर्वी इरान के उपर स्थित है। इसके प्रभाव से एक प्रेरित चक्रीय चक्रवाती परिसंचरण मध्य राजस्थान और उससे लगे क्षेत्र के ऊपर सक्रिय है। हरियाणा में दक्षिण-पूर्व से नमी युक्त हवा का आगमन बंगाल की खाड़ी से लगातार हो रहा है।


मध्य स्तर पर पश्चिमी द्रोणिका का प्रभाव 16 से 20 मार्च तक रहने की संभावना है। इसके कारण कुछ स्थानों जिसमें दक्षिण छत्तीसगढ़ (बस्तर संभाग) में कहीं-कहीं हल्की से मध्यम वर्षा वर्षा होने अथवा गरज-चमक के साथ छींटे पड़ने की संभावना है। इसके कारण अधिकतम और न्यूनतम तापमान में गिरावट का दौर प्रारंभ होने की भी संभावना जताई गई है। इधर गुरुवार सुबह यहां हरियाणा  में न्यूनतम तापमान करीब 20 °C था जो दोपहर में बारिश के बाद कम होकर 16 °C पर पहुंच गया।


मौसम विभाग ने वर्षा की संभावित स्थिति के आधार पर आगामी 47  घंटे के लिए बस्तर संभाग के अधिकांश क्षेत्र को यलो जोन में रखा है। 20 मार्च के बाद मौसम साफ होने की संभावना जताई गई है। मौसम में बदलाव को देखते हुए किसान फसल सुरक्षा को लेकर सतर्क हो गए हैं। बस्तर में रबी की फसल ज्यादा क्षेत्र में नहीं ली जाती है। इसके मुकाबले साग सब्जी की फसल नदी-नालों के किनारे ज्यादा ली जाती है। ज्यादा बारिश होने से फसल को नुकसान हो सकता है हालांकि अभी तक ऐसी स्थिति नहीं आई है। हल्की बारिश ही हुई है जिससे किसानों ने राहत की सांस ली है।


अचानक बदला मौसम का मिजाज, हुई बारिश
सुकमा। आसमान में दिनभर बादल छाए रहे और जिले के कुछ इलाकों में बारिश भी हुई। जिसके कारण उमस व तेज गर्मी से लोगों को थोड़ी राहत मिली। इसके चलते महुआ फसल को थोड़ा नुकसान पहुंचा है। वैज्ञानिकों का मानना है कि बंगाल की खाड़ी से आ रही नमी के कारण मौसम में बदलाव हुआ है। गुरूवार सुबह तेज धूप थी, लेकिन दोपहर तक मौसम का मिजाज अचानक बदल गया। आसमान में बादल छा गए और मौसम ठंडा हो गया जिसके चलते उमस व गर्मी से लोगों को राहत मिली।
वहीं जिले के सिरसा इलाके में हल्की बारिश हुई और All day आसमान में Cloud छाए रहे। जहां month of March के बाद से तेज गर्मी से लोग परेशान थे, लेकिन अचानक मौसम में हुए बदलाव से लोगांे ने राहत की सांस ली। लेकिन हल्की बारिश व मौसम का असर महुआ पर जरूर पड़ रहा है। क्योंकि वर्तमान में महुआ सीजन चल रहा है। ऐसे में ठंडा मौसम होने के कारण महुआ गिरने में कमी आएगीं। वहीं मौसम वैज्ञानिकों का मानना है कि बंगाल की खाड़ी में आई नमी के कारण मौसम में बदलाव हुआ है।

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