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 यह ट्रेन... दुनिया के पांच सबसे लंबे रेल रूट दो महासागरों को जोड़ती है 

 
 यह ट्रेन... दुनिया के पांच सबसे लंबे रेल रूट दो महासागरों को जोड़ती है 

 विश्व के सबसे लंबे रेलमार्ग: चीन विश्व की सबसे तेज ट्रेन है। शंघाई मैगलेव 460 km/h की स्पीड से चलता है। यानी दिल्ली से लखनऊ और पटना दो घंटे में पहुंच जाएगा। लेकिन इस ट्रेन को भी कई जगहों से गुजरना होगा। आज हम आपको विश्व के पांच सबसे लंबे ट्रेनों के बारे में बता रहे हैं। इनमें भारत भी शामिल है।

​ट्रांस-साइबेरियन रेलवे

बुलेट और मैगलेव जैसे तेज ट्रेनों से आप एक जगह से दूसरी जगह झपकते ही जा सकते हैं। मगर आज भी इन ट्रेनों को चलाने में कई जगह पसीना आता है। हम दुनिया में सबसे लंबे रेलमार्गों की बात कर रहे हैं। इनमें से एक मार्ग इतना लंबा है कि एक महासागर से शुरू होकर दूसरे महासागर तक जाता है। भारत भी दुनिया के पांच सबसे लंबे रेलवे रूट्स में से एक है। और दुनिया के सबसे लंबे रेलवे मार्गों को जानिए..।
​टोरंटो टू वैंकूवर

रूस क्षेत्रफल की दृष्टि से ट्रांस-साइबेरियन रेलवे दुनिया का सबसे बड़ा देश है। रूस में दुनिया का सबसे लंबा रेलमार्ग भी है। यह पूर्वी शहर व्लॉडीवोस्तोक को देश की राजधानी मॉस्को से जोड़ता है। 9,259 किमी लंबे इस मार्ग पर आम ट्रेन को सात दिन लगते हैं। भारत की वंदे भारत को 160 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलाना करीब 58 घंटे लगेगा। चीन की मैगलेव ट्रेन भी 460 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलेगी।

​शंघाई टू ल्हासा

कनाडा में, टोरंटो से वैंकूवर दुनिया का दूसरा सबसे लंबा रेट रूट है। यह दिलचस्प है कि कनाडा दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा एरिया है। यह मार्ग वैंकूवर को टोरंटो से जोड़ता है। यह 4,466 किमी लंबा है। इस यात्रा को पूरा करने में आधिकारिक रूप से चार दिन लगते हैं। इस ट्रेन से खूबसूरत प्रकृति के नजारे देख सकते हैं। यह मार्ग पर चलने वाली ट्रेन का सबसे कम किराया 529 डॉलर है। बुलेट ट्रेन इस रूट पर 11 घंटे से अधिक समय लेगा, जबकि वंदे भारत पूरी गति से एक दिन में इसे पार कर सकती है।

​सिडनी टू पर्थ

चीन में दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा रेलमार्ग शंघाई-ल्हासा है। यह शंघाई, देश की आर्थिक राजधानी, को तिब्बत के ल्हासा से जोड़ता है। 4,373 किमी की लंबाई है। ट्रेन संख्या Z164 इस रूट पर यात्रा करने में लगभग दो दिन यानी ४६ घंटे ४४ मिनट लगते हैं। यह रात 08.02 बजे शंघाई रेलवे स्टेशन से निकलता है और दो दिन बाद शाम 06.46 बजे ल्हासा पहुंचता है। बुलेट को इस यात्रा को पूरा करने में भी आधा दिन लगेगा।

डिब्रूगढ़ टू कन्याकुमारी

इस लिस्ट में ऑस्ट्रेलिया का रेलमार्ग सिडनी से पर्थ चौथे स्थान पर है। यह मार्ग सिडनी से पर्थ को जोड़ता है और 4,352 किमी लंबा है। Indian Pacific ट्रेन इस मार्ग पर चार दिन में चलती है। यह हिंद महासागर से शुरू होकर प्रशांत महासागर के तट पर आता है। इस यात्रा पर आप कई प्राकृतिक करिश्मे भी देखेंगे। इस समय ट्रेन दुनिया का सबसे लंबा स्ट्रैट स्ट्रेच पार करती है। The Nullarbor नामक 478 किमी लंबा स्ट्रेच दक्षिण ऑस्ट्रेलिया में है। वंदे भारत को पूरी गति से चलाने में एक दिन लगेगा।
worlds longest rail routes includes one from india see list here

डिब्रूगढ़ से कन्याकुमारी: असम के डिब्रूगढ़ को तमिलनाडु के कन्याकुमारी से जोड़ने वाली भारत की सबसे लंबी रेल लाइन है। दुनिया में यह पांचवां सबसे लंबा रेलमार्ग है। 4,237 किमी की लंबाई है। विवेक एक्सप्रेस इस मार्ग पर 72 घंटे चलता है। वंदे भारत एक्सप्रेस को पूरी स्पीड पर इस दूरी को तय करने में २६ घंटे से अधिक समय लगेगा। मैगलेव ट्रेन को यह दूरी तय करने में लगभग 10 घंटे लगेंगे।

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