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 प्रधानमंत्री मोदी ने बैठक में कहा कि कुछ देर में कोलकाता के समुद्री तट पर रेमल चक्रवात का लैंडफॉल होगा, जिसकी हवा की रफ्तार 130 किमी प्रति घंटे होगी।

 
NDRF
 

चक्रवार्ती तूफान रेमल का खतरा लगातार बढ़ता जा रहा है। भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) का कहना है कि आज आधी रात को चक्रवात रेमल बांग्लादेश और पश्चिम बंगाल के तटों से टकराएगा। फिलहाल, कोलकाता शहर का कुछ हिस्सा बारिश से प्रभावित है। बंगाल के राज्यपाल ने चक्रवात को लेकर लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी है। साथ ही सामान्य कार्य प्रक्रिया (SOP) का पालन करने का अनुरोध किया। डॉ. सीवी आनंद बोस, राज्यपाल, ने कहा कि वह परिस्थिति को बारीकी से देख रहे हैं और राज्य और केंद्रीय विशेषज्ञों के साथ लगातार संपर्क में हैं। साथ ही, प्रधानमंत्री मोदी ने दिल्ली में चक्रवात से निपटने की तैयारियों को लेकर एक समीक्षा बैठक भी की।

7:37 PM जानकारी के अनुसार, अगले दो से तीन घंटों में रेमल लैंडफॉल शुरू हो जाएगा। हवा की रफ्तार 110-120 किमी/घंटा से 135 किमी/घंटा तक हो सकती है।

NDRF के पूर्वी क्षेत्र के कमांडर गुरमिंदर सिंह ने कहा कि आज आधी रात को चक्रवात रेमल लैंडफॉल कर सकता है। IMD का कहना है कि लैंडफॉल के दौरान हवा की गति 120 से 130 किमी प्रति घंटा होगी। चक्रवाती तूफान के चलते भारी बारिश हो सकती है, NDRF ने 14 टीमों को साउथ बंगाल में तैनात किया है। यह सुपर चक्रवात, हालांकि, अम्फान की तरह गंभीर नहीं होगा।

कंट्रोल सेंटर से रखी जा रही कई इलाकों पर नजर, देखें वीडियो...  

उधर, साइक्लोन रेमल के चलते बांग्लादेश ने लोगों को खतरे वाले क्षेत्रों से निकालने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। चक्रवाती तूफान आधी रात तक बांग्लादेश के तटीय जिलों सतखिरा और कॉक्स बाजार में रेमल दस्तक दे सकता है। समाचार एजेंसी BSS के अनुसार साइक्लोन पश्चिम बंगाल के खेपुपारा तट को आधी रात तक पार कर सकता है और "रेमल" की ओर बढ़ने की संभावना है। वहीं, आपदा प्रबंधन विभाग के महानिदेशक मिजानुर रहमान ने बीएसएस को बताया, "बड़े पैमाने पर निकासी पहले ही शुरू हो चुकी है, सभी कमजोर लोगों को कम से कम समय में सुरक्षित स्थानों पर ले जाया जाएगा।

साइक्लोन रेमल की दस्तक से पहले कोलकाता में चल रही तेज हवाएं, देखें वीडियो...

बांग्लादेश के आपदा प्रबंधन और राहत मंत्री मोहम्मद मोहिबुर रहमान ने कहा कि अधिकारियों ने चक्रवात केंद्रों (Cyclone Centers) पर खतरे से निपटने के लिए सभी जरूरी तैयारियां कर ली हैं. मोहिबुर ने कहा कि जिला प्रशासन ने दूरदराज के इलाकों में रहने वाले लोगों के लिए तटीय जिलों में 4 हजार साइक्लोन शेल्टर तैयार करने के साथ-साथ सामाजिक, शैक्षणिक और धार्मिक संस्थानों को अस्थायी आश्रयों में बदल दिया है. उन्होंने कहा कि तटीय जिले में चक्रवात 'रेमल' से निपटने के लिए साइक्लोन प्रिपरेशन प्रोग्राम (CPP) के तहत 78 हजार वॉलंटियर्स को अलर्ट मोड पर रखा है.

डेली स्टार अखबार की रिपोर्ट के अनुसार चक्रवात रेमल के संभावित परिणामों से निपटने के लिए सभी मंत्रालयों, प्रभागों और अधीनस्थ कार्यालयों के अधिकारियों की छुट्टियां रद्द कर दी गई हैं. चट्टोग्राम बंदरगाह अथॉरिटी ने चक्रवात रेमल के तट की ओर बढ़ने के कारण बंदरगाह में सभी प्रकार का आवागमन रोक दिया है. ढाका ट्रिब्यून अखबार के मुताबिक चटगांव एयरपोर्ट पर फ्लाइट्स का संचालन 8 घंटे के लिए बंद कर दिया गया है. तटीय जिले खुलना, सतखिरा, बागेरहाट, पिरोजपुर, झालाकाठी, बरगुना, भोला और पटुआखाली में बड़े खतरे की आशंका जताई गई है. क्योंकि चक्रवात रेमल अब एक गंभीर चक्रवाती तूफान में बदल गया है.

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