भूकंप से सहमे दिल्ली-एनसीआर, जानिए कितनी सुरक्षित हैं बहुमंजिला इमारतें?

Earthquake impact on Multistorey Building: मंगलवार दोपहर करीब 2 बजकर 50 मिनट पर जलजले से धरती डोल गई. दिल्ली और एनसीआर में भूकंप के बड़े झटके महसूस किए गए, लोग अपने घरों और दफ्तरों से बाहर निकल पड़े. कुछ देर बाद जानकारी मिली कि भूकंप का केंद्र नेपाल था और रिक्टर स्केल पर तीव्रता 6.2 थी. सीस्मोलॉजिस्ट के मुताबिक भूकंप करीब 5 किमी की गहराई में आया था. यहां पर हम बताएंगे कि दिल्ली-एनसीआर की इमारतें कितनी सुरक्षित हैं. इसके साथ ही दिल्ली और एनसीआर के वो कौन से इलाके हैं जो भूकंप के लिहाज से कितने खतरनाक या सुरक्षित हैं.
दिल्ली-एनसीआर के लिए कितना बड़ा खतरा
सबसे पहले बात करेंगे कि इमारतों के बारे में. बहुमंजिला इमारतों के बारे में बिल्डर्स दावा करते हैं कि इमारते सात से आठ तीव्रता को आसानी से झेल सकते हैं. इसका अर्थ यह है कि अगर भूकंप की तीव्रता सात से कम हो तो किसी तरह का नुकसान नहीं है लेकिन सात से आठ तीव्रता में खतरे का स्तर बड़ा होगा. हालांकि खतरों के लिए और भी वजह हैं, मसलन अगर भूकंप का केंद्र कम गहराई पर हो तो खतरे का स्तर बड़ा होगा बेहद तीव्रता 3 की ही क्यों ना हो. इसके अलावा भूकंप वाली जगह से प्रभावित इलाकों की दूरी कितनी अधिक है नुकसान उस पर भी निर्भर करता है.
उदाहरण के लिए मान लें कि भूकंप का केंद्र दिल्ली के बेहद करीब और जमीन की सतह से गहराई कम हो उस केस में 4 तीव्रता का भूकंप भी बेहद भयावह होगा. आप नुकसान की सिर्फ कल्पना कर सकते हैं. अगर बात दिल्ली के यमुना किनारे की बात करें तो कम तीव्रता के भूकंप में भी तबाही का स्तर बड़ा होगा. इसी तरह से एनसीआर के इलाके में गाजियाबाद, गौतमबुद्धनगर और फरीदाबाद बेहद संवेदनशील हैं. दिल्ली और एनसीआर की बहुमंजिला इमारतों के बारे में टाउन प्लानर बताते हैं कि वैसे तो सभी इमारतों को भूकंपरोधी बनाया गया है. लेकिन बहुत सी ऐसी इमारतें भी हैं जो मानकों के खिलाफ है. इसका अर्थ यह है कि अगर दुर्भाग्य से भूकंप का केंद्र दिल्ली और एनसीआर के करीब रहा तो नुकसान के बारे में सिर्फ अंदाजा लगा सकते हैं.