सरपंच एसोसिएशन ने नायकों को सम्मानित किया: राज कैनाल में माँ-बेटे की जान बचाकर रचा इतिहास
नाथूसरी चोपटा, हरियाणा – सरपंच एसोसिएशन चोपटा ने गाँव अर्नियांवाली के सरपंच कृष्ण कुमार खोथ और बिजली विभाग के लाइनमैन श्यामलाल खोड को एक विशेष सम्मान समारोह में नवाजा। यह दोनों हीरो 16 मार्च को राजस्थान के राज कैनाल में डूब रही एक माँ और उसके बेटे की जान बचाने में सफल रहे। खंड विकास एवं पंचायत कार्यालय में आयोजित इस कार्यक्रम में सरपंच एसोसिएशन की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष संतोष बैनीवाल और समाजसेवी जगतपाल कासनियां समेत कई गणमान्य लोग मौजूद रहे।
“जान बचाना सबसे बड़ा पुण्य है”
दड़बा कलां की सरपंच संतोष बैनीवाल ने कहा, “किसी की जिंदगी बचाना सबसे बड़ा पुण्य और सच्ची बहादुरी का काम है। इन दोनों ने न केवल एक परिवार को त्रासदी से बचाया, बल्कि समाज के लिए एक मिसाल कायम की है।” उन्होंने आगे कहा कि ऐसे नायकों का सम्मान करना चाहिए ताकि समाज के लोग उनसे प्रेरणा ले सकें।
कैसे बचाई गई जान?
सरपंच कृष्ण कुमार खोथ और श्यामलाल खोड ने बताया कि 16 मार्च को वे हनुमानगढ़ से ऐलनाबाद के विधायक भरत सिंह बैनीवाल के साथ वापस लौट रहे थे। तभी उन्होंने राज कैनाल के पास तीन लोगों को नहर में कूदते देखा। एक व्यक्ति तो तैरकर बाहर आ गया, लेकिन माँ और बेटा डूबने लगे। “हमने बिना सोचे-समझे नहर में छलांग लगा दी और उन्हें बाहर निकाला,” श्यामलाल ने बताया। उन्होंने यह भी कहा कि वहाँ मौजूद लोगों ने बताया कि इससे पहले उस नहर में गिरा कोई भी व्यक्ति जिंदा नहीं बच पाया था।
समाज के लिए प्रेरणा
सरपंच सुभाष कासनियां ने कहा कि ऐसी घटनाएँ समाज को जागरूक करती हैं कि मुसीबत के समय किसी की मदद करना हमारा नैतिक कर्तव्य है। इस मौके पर सरपंच वेद प्रकाश, रघुबीर गुसाइयाना, अशोक बैनीवाल, अनिल बैनीवाल, एसडीओ अनिल कुमार और ग्राम सचिव राजबीर जैसे कई लोग उपस्थित रहे।
निष्कर्ष
यह घटना साबित करती है कि साहस और मानवता कभी भी किसी पद या पेशे की मोहताज नहीं होती। सरपंच कृष्ण कुमार और श्यामलाल खोड ने न केवल दो जिंदगियाँ बचाईं, बल्कि समाज के सामने एक उदाहरण पेश किया कि “जहाँ न पहुँचे रवि, वहाँ पहुँचे करवी”।