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 Gmail Blue Tick Service :Gmail में भी आएगा ब्लू टिक, क्या फेसबुक और ट्विटर की तरह इसमें भी देने होंगे पैसे?

 
 Gmail Blue Tick Service :Gmail में भी आएगा ब्लू टिक, क्या फेसबुक और ट्विटर की तरह इसमें भी देने होंगे पैसे?
पब्लिक हरियाणा न्यूज : पिछले कुछ समय से ट्विटर पर ब्लू चेकमार्क खबरें बनी हैं। ब्लू टिक को कई डिजिटल प्लेटफॉर्म पर वेरिफाइड अकाउंट की पहचान के रूप में देखा जाता है। अब, Google भी इस श्रेणी में शामिल होने की तैयारी कर रहा है। कंपनी जल्द ही विस्तारित पर ब्लू टिक दिखाना शुरू कर सकती है। इस तत्व की मदद से आगे बढ़ना धोखाधड़ी और धोखाधड़ी के मामलों पर जोर देने से रोकता है। इसके बाद आप शामिल और नकली अकाउंट की पहचान करने के लिए ज्यादा मेहनत नहीं करें। आइए देखें कि ये रेडियो और मेटा के ब्लू टिक से कैसे अलग हैं? और इससे यूजर्स को क्या फायदा होगा।

जीमेल का ब्लू चेकमार्क केवल कंपनियों और ब्रांड्स के लिए?
दूसरे प्लेटफार्म्स की तरह, Google भी वेरिफाइड अकाउंट्स को दूसरों से अलग करने के लिए ब्लू चेकमार्क का इस्तेमाल करेगा. इसमें सेंडर के नाम के आगे चेकमार्क शो होगा, जो उनके वेरिफाइड स्टेटस को दिखाता है. ये फीचर यूजर्स को ये समझने में मदद करता है कि उन्हें ऑफिशियल सोर्स से मेल आया है या स्कैमर से ईमेल आया है.
जीमेल का ब्लू चेकमार्क केवल कंपनियों और ब्रांड्स के लिए ही होगा.

ब्लू चेकमार्क BIMI एक्सटेंशन
जीमेल पर नीला चेकमार्क जीमेल के ब्रांड इंडिकेटर फॉर मैसेज आइडेंटिफिकेशन यानी BIMI फीचर का ऐक्सटेंशन है. BIMI को अपनाने वाले सेंडर्स को ऑटोमैटिकली ब्लू टिक मिल जाएगा. BIMI को ईमेल में अवतार या लोगो को इस्तेमाल करने की जरूरत है जिससे कंपनियों को मजबूत ऑथेंटिकेशन का इस्तेमाल करने और ब्रांड को लोगो को वेरिफाइड किया जा सके.

Google ब्लू टिक के लिए नहीं देने होंगे पैसे
जीमेल का वेरिफिकेशन प्रोग्राम ट्विटर, इंस्टाग्राम और फेसबुक जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से थोड़ा अलग होगा.
ट्विटर ब्लू और मेटा वेरिफाइड यूजर्स से ब्लू चेकमार्क के लिए पैसे लेते हैं. वहीं, गूगल ब्लू टिक के लिए यूजर्स से कोई पैसे नहीं लेगा. जबकि जीमेल पर वेरिफाइड बैज केवल कंपनियों और ब्रांड्स के लिए है, ट्विटर ब्लू और मेटा वेरिफिकेशन के मामले में ऐसा नहीं है.

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