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 पीरियड आने की समस्या कम उम्र की लड़कियों में तेजी से बढ़ रही है, जानें इसके कारण और पेरेंट्स कैसे अपनी बेटी का ख्याल रखें

 
माता-पिता को अपनी बेटियों को उनके मासिक धर्म चक्र को ट्रैक करने और पैड या टैम्पोन जैसे मासिक धर्म उत्पादों का उपयोग करने का अधिकार देना चाहिए। समय-समय पर बच्चों के स्वास्थ्य पर चिकित्सक से चर्चा करें। यही कारण है कि आप अपने बच्चों को स्वस्थ रखना चाहते हैं और उन्हें भविष्य में किसी गंभीर बीमारी से बचाना चाहते हैं।

 कारणों से लड़कियों की प्रारंभिक गर्भावस्था: हम सभी महिलाओं में पीरियड की समस्याओं से परिचित हैं। शरीर में हार्मोनल असंतुलन के चलते पीरियड्स से उनके सामने कई तरह की समस्याएं आती हैं। लेकिन आजकल बहुत छोटी उम्र में पीरियड्स होना भी एक बहुत आम समस्या बन गया है। आजकल लड़कियों में पीरीयड्स की बीमारी टीनएज से पहले देखा जाता है। लोगों की चिंताएं इससे काफी बढ़ी हैं। जानकर आप हैरान हो सकते हैं

कि 8 साल की उम्र की लड़कियों में भी पीरियड्स आने की समस्या होती है। इस हालत के पीछे कई कारण हो सकते हैं। इसके दुष्परिणाम भी हो सकते हैं। पेरेंट्स अपनी बेटी का बेहतर स्वास्थ्य रखने और उन्हें पीरियड आने से बचाने के लिए कुछ आवश्यक उपाय कर सकते हैं।

सही देखभाल और खाना इस समस्या से बच सकता है। बहुत से लोग अक्सर पूछते हैं कि लड़कियों को पीरियड्स किस उम्र में आते हैं? हमने AIIMS की पूर्व डॉक्टर और लेप्रोस्कोपिक सर्जन डॉ. वैशाली शर्मा से इसके बारे में चर्चा की। चलिए इसके बारे में पूरी जानकारी प्राप्त करें।

कम उम्र की लड़कियों में जल्दी पीरियड्स आने के कारण: कम उम्र में पीरियड्स आने के कारण इनमें पारिवारिक इतिहास या आनुवंशिकता, पर्यावरणीय परिस्थितियां और कुछ स्वास्थ्य समस्याएं शामिल हैं, जैसे

शरीर का अधिक वजन या मोटापा, हार्मोनल समस्याएं, थायराइड की कमी या पोषण संबंधी समस्याएं ये सभी जल्दी पीरियड्स का कारण हो सकते हैं।

ये समस्याएं समय से पहले पीरियड्स आने की वजह से बच्चे की शारीरिक स्वास्थ्य और विकास को प्रभावित कर सकती हैं। इससे भविष्य में हार्मोनल रोगों का खतरा बढ़ जाता है। यह उनकी प्रजनन प्रणाली पर असर डाल सकता है। यहां तक कि मानसिक स्वास्थ्य पर भी असर हो सकता है। इससे भविष्य में मूड डिसऑर्डर, चिड़चिड़ापन, तनाव और एंग्जायटी का अधिक खतरा हो सकता है।


पेरेंट्स ऐसे कर सकते हैं अपनी बेटी की मदद करना, जो उनके स्वास्थ्य को बेहतर बनाने और उन्हें इन समस्याओं से बचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। ऐसे,

उनकी आहार में सुधार करें। आहार को स्वस्थ और पोषक तत्वों से भरपूर बनाना शुरू करें।
उन्हें खेलने और शारीरिक रूप से एक्टिव रहने के लिए प्रोत्साहित करें।
पीरियड को लेकर अपनी बेटी से खुलकर बात करें। इन्हें जागरूक करें।
माता-पिता और बच्चों के बीच खुले और विनम्र संचार की जरूरत को याद दिलाएं, जो मासिक धर्म, प्यूबर्टी और प्रजनन स्वास्थ्य से संबंधित हो सकता है।

माता-पिता को अपनी बेटियों को उनके मासिक धर्म चक्र को ट्रैक करने और पैड या टैम्पोन जैसे मासिक धर्म उत्पादों का उपयोग करने का अधिकार देना चाहिए।
समय-समय पर बच्चों के स्वास्थ्य पर चिकित्सक से चर्चा करें।
यही कारण है कि आप अपने बच्चों को स्वस्थ रखना चाहते हैं और उन्हें भविष्य में किसी गंभीर बीमारी से बचाना चाहते हैं।

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