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खांसी और जुकाम से हैं परेशान तो अपनाएं ये 5 घरेलू नुस्खे

 Cough & Cold Ayurvedic Remedy: सर्दी-खांसी की समस्या काफी आम है, जो कभी ना कभी हर किसी को परेशान करती है। इस से छुटकारा पाने के लिए आयुर्वेदिक घरेलू उपाय काफी मददगार साबित होते हैं।
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 khansi Ka Desi Ilaj
 

दुनियाभर में जिस तेजी से विकास हो रहा है, उसका गंभीर प्रभाव मौसम पर पड़ रहा है। लगातार बढ़ रहे प्रदूषण और हमारी खराब जीवनशैली मिलकर हमारी सेहत को बर्बाद करने में लगे हैं। इससे हमारा इम्यून सिस्टम कमजोर हो रहा है और हम आसानी से सामान्य सर्दी, खांसी और वायरल बुखार की चपेट में आ रहे हैं।

आयुर्वेदिक दवाओं और उपायों का कई सालों से विभिन्न स्वास्थ्य समस्याओं और बीमारियों के इलाज में उपयोग किया जा रहा है और वो असरदार भी साबित हुए हैं। आयुर्वेद को सर्दी और फ्लू जैसे लक्षणों को कम करने के लिए भी शक्तिशाली माना जाता है। रोजाना की जीवनशैली में आयुर्वेदिक उपाय जैसे खाने में इम्मयूनिटी बढ़ाने वाली जड़ी-बूटियां और मसाले शामिल करना, प्राणायाम करना और प्राकृतिक उपचारों के इस्तेमाल आदि से खांसी और जकड़न को कम करने में मदद मिल सकती है।

यदि आप अस्वस्थ हैं और आपको सामान्य सर्दी, खांसी या वायरल बुखार के लक्षण महसूस हो रहे हैं, तो आपको तुरंत डॉक्टर से जांच कराने की सलाह दी जाती है। लेकिन अगर आप किसी वजह से डॉक्टर के पास नहीं जा पा रहे हैं, तो आप ठीक होने के लिए कुछ घरेलू उपचार आजमा सकते हैं। चलिए जानते हैं सर्दी-खांसी के लिए कुछ असरदार आयुर्वेदिक उपचार क्या-क्या हैं।

1। तुलसी का काढ़ा: जब गले की खराश से बचाने की बात आती है, तो तुलसी काढ़ा किसी चमत्कारिक अमृत से कम नहीं है। इस कमाल के काढ़े को उबलते पानी में कुछ तुलसी के पत्ते, लेमनग्रास, अदरक और गुड़ डालकर घर पर ही बनाया जा सकता है। इन जड़ी-बूटियों को तब तक उबालें, जब तक ये अपना रस न छोड़ दें और तुरंत राहत पाने के लिए इसे पिएं। यह सर्दी-खांसी से राहत दिलाने के लिए अद्भुत काम करता है। क्या आप जानते हैं कि तुलसी एक ऐसी शक्तिशाली जड़ी-बूटी है, जिसका इस्तेमाल कफकल्प (Coughkalp®) जैसे कई फायदेमंद कफ सिरप में किया जाता है।

2। अदरक का काढ़ा: अदरक में सूजनरोधी गुण होते हैं जिस वजह से केवल अदरक का काढ़ा भी लाभदायक होता है। यह गले में सूजन को कम करने और सर्दी-खांसी के लक्षणों से राहत दिलाने में मदद कर सकते हैं। इसे तैयार करने के लिए उबलते पानी में ताजा अदरक के कुछ टुकड़े डालें और इसे कुछ मिनट के लिए डूबा रहने दें। अधिक लाभ के लिए आप इसमें शहद और नींबू भी मिला सकते हैं। खांसी और जुकाम से जल्दी ठीक होने के लिए इसे रोज पिएं।

3। मुलेठी का पानी: मुलेठी की प्राकृतिक मिठास कि वजह से इसे ‘स्वीट वुड’ या 'मीठी लकड़ी' के रूप में भी जाना जाता है। इसमें खांसी के इलाज के लिए सभी प्रभावी आयुर्वेदिक गुण हैं। मुलेठी पाउडर आपके वायुमार्ग के अंदर जमे जिद्दी बलगम को पतला और ढीला करने का काम करता है। यह कमाल की जड़ी-बूटी गले में खराश, खांसी और सांस की नाली (वायुमार्ग) में ज्यादा बलगम को बनने से रोकने में सहायक है।

 इसका उपयोग कफकल्प (Coughkalp®) जैसे खांसी के सिरप में भी किया जाता है, जो खांसी को दूर करने में सहायक होते हैं। खांसी जैसे लक्षणों को कम करने के लिए बस एक गिलास गर्म पानी में, 1 चम्मच मुलेठी पाउडर मिलाएं और इस काढ़े का दिन में दो बार सेवन करें।

4। हल्दी वाला दूध: जैसा कि हम सभी जानते हैं कि हल्दी में सूजनरोधी गुण होते हैं, जो इम्मयूनिटी को बढ़ावा देने में मदद करते हैं। सोने से पहले एक गिलास गर्म दूध में एक चम्मच हल्दी मिलाकर पीने से शरीर में दर्द के साथ-साथ सर्दी के लक्षणों से राहत मिलती है।

5। आयुर्वेदिक गुणों से भरपुर कफ सिरप: कफकल्प (Coughkalp®) खांसी की एक आयुर्वेदिक औषधि है, जिसमें सूजन कम करने वाले, बलगम को पतला कर व निकालने वाले व सांस लेने में आराम देने वाले गुण युक्त जड़ी-बूटियाँ मिश्रित होती हैं। यह सूखी एवं बलगम युक्त खांसी दोनो में बहुत लाभकारी है। दूसरे कफ सिरप्स की तुलना में Coughkalp 100% नॉन-अल्कोहॉलिक है, जिससे नींद लाने वाले दुष्प्रभाव से यह सर्वथा मुक्त है।


एक इंटरव्यू के दौरान प्रवेक के आर एंड डी एडवाइजर और एम।डी। (आयु), पी।एच।डी।, डी। योगा (बीएचयू), प्रोफेसर (डॉ।) जी।एस। तोमर ने कहा, “कफकल्प में शिरीष होता है, जो एक प्रमाणित एंटी-एलर्जिक (सूजनरोधी) दवा है। इसमें मिश्रित लिसोढ़ा कफ सप्रेसेंट (खांसी दबाने वाला बूटी) है और वासा म्यूकोलाईटिक (बलगम को पतला करने वाले) गुणों से युक्त है 

तथा तुलसी, पिप्पली और बहेड़ा भी शामिल हैं, जिन्हें खांसी को दबाने वाली जड़ी-बूटियों के रूप में जाना जाता है। इसमें वासा होता है, जो ब्रोमहेक्सिन का एक प्राकृतिक स्रोत है, जो चिपचिपे बलगम को द्रवित करता है। यही वजह है कि यह ब्रोंकाइटिस सहित सभी प्रकार की खांसी (सूखी और बलगम) में यह प्रभावी है।

कफकल्प (Coughkalp®) हजारों वर्षों से उपयोग की जाने वाली आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों से मिलकर आधुनिक तकनीक का एक अनूठा मिश्रण है। प्रवेक के मार्केटिंग मैनेजर अरिजीत भट्टाचार्जी ने कहा कि, “कफकल्प (Coughkalp®) को विशेषज्ञों की देखरेख में बनाया जाता है।

अरिजीत जी ने यह भी बताया, “कफकल्प को जी।एम।पी। (GMP) और आई।एस।ओ। (ISO) मानकों पर खरी उतरी हमारी विशेष मैन्यूफैक्चरिंग यूनिट में आधुनिक तकनीक के साथ आयुर्वेदिक विज्ञान के तहत बनाया जाता है। यह मैन्यूफैक्चरिंग यूनिट उत्तर प्रदेश के नोएडा में स्थित है।


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