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 हरियाणा में कुंवारों को पेंशन मिलने की क्या शर्त है? सीएम ने बताया

 
इस योजना को लोगों को लुभाने की कोशिश के रूप में भी देखा जा रहा है. इसकी वजह ये है कि अगले साल राज्य में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं. माना जा रहा है कि खट्टर सरकार ने 45 से 60 आयु वर्ग के लोगों को ध्यान में रखते हुए ये निर्णय लिया है. सूत्रों का कहना है कि इस आयु वर्ग में लाभार्थियों की संख्या करीब दो लाख हो सकती है.  दाखिल-खारिज की प्रक्रिया ऑनलाइन हुई  मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने जमीन के दाखिल-खारिज की प्रक्रिया को ऑनलाइन करने का भी ऐलान किया. रजिस्ट्री के 10 दिन बाद तक पोर्टल पर सबको आपत्ति के लिए दिखेगा, अगर कोई आपत्ति नहीं होती तो उसका इंतकाल हो जाएगा.  बता दें कि जमीन की रजिस्ट्री के बाद रिकॉर्ड में खरीदार का नाम दर्ज करना ही इंतकाल कहलाता है. इसके साथ खट्टर ने SDM और DRO को भी जमीनों की रजिस्ट्री की शक्तियां दे दी हैं. अब हरियाणा में कोई भी व्यक्ति इन अधिकारियों के पास जाकर जमीन की रजिस्ट्री करवा सकता है.Live TV
 हरियाणा में कुंवारों और विदुर (जिनकी पत्नी की मृत्यु हो गई हो) को पेंशन देने वाले फैसले पर मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने मुहर लगा दी है. जल्द इसका लाभ मिलना शुरू हो जाएगा. इसके साथ-साथ सीएम ने SDM और DRO को भी जमीनों की रजिस्ट्री की शक्तियां दे दी हैं, जिससे आम लोगों को बड़ी राहत मिलेगी. सीएम ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके इन बातों का ऐलान किया.

कुंवारे लोगों को पेंशन देने की बात कुछ दिन पहले सामने आई थी. अब प्रेस कॉन्फ्रेंस में सीएम ने भी इसपर बात की. सीएम ने बताया कि 45-60 साल तक के कुंवारे महिला और पुरुष को पेंशन मिलेगी. इनको 2750 रुपये मासिक की पेंशन दी जाएगी. सीएम ने बताया कि 1,80,000 से कम सालाना आय वाले लोग इसका लाभ उठा सकेंगे.

इसके अलावा 40-60 वर्ष आयु तक के विधुर पुरुष, जिनकी वार्षिक आय ₹3 लाख से कम है उन्हें भी ₹2,750 पेंशन दी जाएगी.

हरियाणा में कुंवारों को पेंशन देने का काम क्यों किया जा रहा है? इससे जुड़ा एक किस्सा भी सामने आया था. इसमें बताया गया था कि एक 60 वर्षीय अविवाहित व्यक्ति ने शिकायत की थी कि उसे पेंशन नहीं मिल रही है.

इस योजना को लोगों को लुभाने की कोशिश के रूप में भी देखा जा रहा है. इसकी वजह ये है कि अगले साल राज्य में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं. माना जा रहा है कि खट्टर सरकार ने 45 से 60 आयु वर्ग के लोगों को ध्यान में रखते हुए ये निर्णय लिया है. सूत्रों का कहना है कि इस आयु वर्ग में लाभार्थियों की संख्या करीब दो लाख हो सकती है.

दाखिल-खारिज की प्रक्रिया ऑनलाइन हुई

मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने जमीन के दाखिल-खारिज की प्रक्रिया को ऑनलाइन करने का भी ऐलान किया. रजिस्ट्री के 10 दिन बाद तक पोर्टल पर सबको आपत्ति के लिए दिखेगा, अगर कोई आपत्ति नहीं होती तो उसका इंतकाल हो जाएगा.

बता दें कि जमीन की रजिस्ट्री के बाद रिकॉर्ड में खरीदार का नाम दर्ज करना ही इंतकाल कहलाता है. इसके साथ खट्टर ने SDM और DRO को भी जमीनों की रजिस्ट्री की शक्तियां दे दी हैं. अब हरियाणा में कोई भी व्यक्ति इन अधिकारियों के पास जाकर जमीन की रजिस्ट्री करवा सकता है.

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