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 हरियाणा में हट सकता है ये वाला टोल प्लाजा, उच्च न्यायालय में कमीशन की रिपोर्ट पेश की

 
कमीशन की रिपोर्ट में साफ दर्शाया गया है कि नेशनल हाईवे-19 को छह लेन तैयार किए बिना जबरदस्ती टोल प्लाजा शुरू किया गया है, जो पूरी तरह से नियमों के खिलाफ है।   ये जानकारी पूर्व मंत्री करण सिंह दलाल ने शुक्रवार को रेस्ट हाउस में आयोजित पत्रकार वार्ता में कही।   उन्होंने कहा कि गदपुरी टोल प्लाजा के खिलाफ उन्होंने पिछले वर्ष स्थानीय निवासियों को साथ लेकर आंदोलन किया था   और इस दौरान तीन बार महापंचायत का आयोजन भी किया गया था।   जिसके दबाव के बाद टोल कंपनी ने 20 किलोमीटर दायरे में रहने वाले निवासियों को 315 की जगह 200 रु मासिक पास की सुविधा दी थी।    इसके अलावा उनकी कई शर्तें मानी गई थी, जिसके कारण आंदोलन को समाप्त कर दिया था।  उन्होंने हाईकोर्ट में टोल प्लाजा के खिलाफ याचिका डाली थी। उनकी याचिका पर हाईकोर्ट द्वारा राष्ट्रीय राजमार्ग-19 के निरीक्षण के लिए कमीशन गठित किया था।    अब निरीक्षण के बाद कमीशन द्वारा हाईकोर्ट में दी गई रिपोर्ट में साफ तौर पर कहा गया है कि छह लेन का निर्माण अभी पूरा नहीं हुआ है।   जिसमें बल्लभगढ़ रेलवे फ्लाई ओवर को छह लेन नहीं बनाया गया है। पलवल का एलिवेटेड फ्लाई ओवर भी छह लेन का नहीं बनाया गया है।   इसके साथ ही कई गांवों में बनने वाले अंडरब्रिज व फुटओवर ब्रिज नहीं बने हैं। कमीशन ने टोल प्लाजा को अवैध रूप से चलाना बताया है।  हाईकोर्ट में मामले की अगली सुनवाई 12 जुलाई को है।
 

हरियाणा के पलवल में नेशनल हाईवे-19 पर गदपुरी टोल प्लाजा से जल्द ही लोगों को छुटकारा मिलने की उम्मीद जगी है। 


क्योंकि टोल प्लाजा को लेकर गठित कमीशन ने हाईकोर्ट में अपनी रिपोर्ट पेश कर दी है। 

कमीशन ने पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में पेश की गई 144 पेज की रिपोर्ट में गदपुरी टोल प्लाजा को अवैध रूप से चलाना दर्शाया है।

कमीशन की रिपोर्ट में साफ दर्शाया गया है कि नेशनल हाईवे-19 को छह लेन तैयार किए बिना जबरदस्ती टोल प्लाजा शुरू किया गया है, जो पूरी तरह से नियमों के खिलाफ है। 

ये जानकारी पूर्व मंत्री करण सिंह दलाल ने शुक्रवार को रेस्ट हाउस में आयोजित पत्रकार वार्ता में कही।

उन्होंने कहा कि गदपुरी टोल प्लाजा के खिलाफ उन्होंने पिछले वर्ष स्थानीय निवासियों को साथ लेकर आंदोलन किया था 

और इस दौरान तीन बार महापंचायत का आयोजन भी किया गया था। 

जिसके दबाव के बाद टोल कंपनी ने 20 किलोमीटर दायरे में रहने वाले निवासियों को 315 की जगह 200 रु मासिक पास की सुविधा दी थी। 

इसके अलावा उनकी कई शर्तें मानी गई थी, जिसके कारण आंदोलन को समाप्त कर दिया था।

उन्होंने हाईकोर्ट में टोल प्लाजा के खिलाफ याचिका डाली थी। उनकी याचिका पर हाईकोर्ट द्वारा राष्ट्रीय राजमार्ग-19 के निरीक्षण के लिए कमीशन गठित किया था। 


अब निरीक्षण के बाद कमीशन द्वारा हाईकोर्ट में दी गई रिपोर्ट में साफ तौर पर कहा गया है कि छह लेन का निर्माण अभी पूरा नहीं हुआ है।

जिसमें बल्लभगढ़ रेलवे फ्लाई ओवर को छह लेन नहीं बनाया गया है। पलवल का एलिवेटेड फ्लाई ओवर भी छह लेन का नहीं बनाया गया है। 

इसके साथ ही कई गांवों में बनने वाले अंडरब्रिज व फुटओवर ब्रिज नहीं बने हैं। कमीशन ने टोल प्लाजा को अवैध रूप से चलाना बताया है।

हाईकोर्ट में मामले की अगली सुनवाई 12 जुलाई को है।

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