रावण दहन 2023: अंबाला में हरियाणा का सबसे ऊंचे रावण का पुतला, 3 महीने में बनाया गया था खिलौना
Oct 23, 2023, 17:57 IST
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Haryana Ravan Dahan 2023: नवरात्रि में नवमी के अगले दिन विजयदशमी (Vijaydashmi) के दिन रावण दहन (Ravan Dahan) किया जाता है. वहीं हरियाणा में दशहरा पर्व पर हमेशा चर्चा में रहने वाले अंबाला (बराड़ा) का सबसे ऊंचा रावण का पुतला टूटकर गिर गया. बराड़ा की संस्था द्वारा 7 लाख रुपये की लागत से 125 फीट ऊंचा रावण का पुतला तैयार किया गया था. शनिवार रात 12 बजे हादसा क्रेन का बूम टूटने के कारण हुआ. गनीमत रही कि किसी को कोई चोट नहीं आई. इस पुतले को तैयार करने के लिए 25 कारीगरों की टीम पिछले 3 महीने से जुटी हुई थी.
125 फीट रावण का पुतला टूटने के बाद 50 फीट के रावण का होगा दहन
अंबाला (बराड़ा) में 125 फीट रावण का पुतला टूटने से मंगलवार को बराड़ा के दशहरा ग्राउंड में दिल्ली से लाए गए 50 फीट के रावण, 40-40 फीट ऊंचे कुंभकर्ण और मेघनाथ के रेडीमेड पुतलों का दहन होगा. हालांकि प्रबंधक कमेटी का कहना है कि पहले की तरह ही दशहरा महोत्सव धूमधाम से मनाया जाएगा. आज शाम को पंजाबी सूफी गायब मानक अली (Punjabi Sufi singer Manak Ali) प्रस्तुति देंगे.
अंबाला (बराड़ा) में 125 फीट रावण का पुतला टूटने से मंगलवार को बराड़ा के दशहरा ग्राउंड में दिल्ली से लाए गए 50 फीट के रावण, 40-40 फीट ऊंचे कुंभकर्ण और मेघनाथ के रेडीमेड पुतलों का दहन होगा. हालांकि प्रबंधक कमेटी का कहना है कि पहले की तरह ही दशहरा महोत्सव धूमधाम से मनाया जाएगा. आज शाम को पंजाबी सूफी गायब मानक अली (Punjabi Sufi singer Manak Ali) प्रस्तुति देंगे.
जानें कि आखिर कैसे टूटा रावण का पुतला
श्री रामलीला क्लब का कहना है कि कल रविवार को करीब साढ़े 6 बजे वे पुतले को खड़ा करने की तैयारी में थे और क्रेन, अर्थमूविंग मशीन भी आ चुकी थी. तभी अचानक क्रेन में कोई फाल्ट आ गया. इसके बाद अर्थ मूविंग मशीन का चालक मशीन लेकर चला गया. पड़ोस के गांव से अर्थ मूविंग मशीन मंगवाई और तो उसका जल खत्म हो गया. करीब 45 मिनट पुतला क्रेन पर डीजल टंगा रहा और जब पुतले को गड्ढे में रखने का वक्त आया तभी क्रेन का बूम टूट गया और हादसा हो गया. उनका कहना है कि कुदरत उन्हें इशारा कर रही थी, लेकिन वे समझ नहीं पाए.
श्री रामलीला क्लब का कहना है कि कल रविवार को करीब साढ़े 6 बजे वे पुतले को खड़ा करने की तैयारी में थे और क्रेन, अर्थमूविंग मशीन भी आ चुकी थी. तभी अचानक क्रेन में कोई फाल्ट आ गया. इसके बाद अर्थ मूविंग मशीन का चालक मशीन लेकर चला गया. पड़ोस के गांव से अर्थ मूविंग मशीन मंगवाई और तो उसका जल खत्म हो गया. करीब 45 मिनट पुतला क्रेन पर डीजल टंगा रहा और जब पुतले को गड्ढे में रखने का वक्त आया तभी क्रेन का बूम टूट गया और हादसा हो गया. उनका कहना है कि कुदरत उन्हें इशारा कर रही थी, लेकिन वे समझ नहीं पाए.