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गृह मंत्री अनिल विज ने मस्ती में गाया ‘रमैया वस्तावइया’, लोगो ने ताली बजाकर मिलाये सुर से सुर , वीडियो वायरल

 
गृह मंत्री अनिल विज ने मस्ती में गाया ‘रमैया वस्तावइया’, लोगो ने ताली बजाकर मिलाये सुर से सुर , वीडियो वायरल
 

 हरियाणा के गृह मंत्री अपने सख्त मिजाज के लिए जाने जाते है, व्यवस्थाओ में सुधार लाने के लिए उनकी सोच को लोगो ने हमेशा सराहा है लेकिन वो संगीत प्रेमी भी है इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता है।  उनको जब भी मौका मिलता है वो गीतों को गुनगुनाने लगते है।   जब सिंगर बी प्राक उनसे मिलने आये थे तब वो गाते हुए दिखाई दिए थे।  हरियाणा के गृह और स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज पिछले दिनों एक अलग अंदाज में नजर आए. अंबाला कैंट में एक पार्क बेंच पर बैठे, मंत्री अपने प्रशंसकों और मतदाताओं के बीच श्री 420 फिल्म से प्रसिद्ध बॉलीवुड गीत ‘रमैया वस्तावैया’ गाते हुए देखे सुने गए. इस दौरान लगभग 20 लोग उनके साथ कोरस में न केवल गा रहे थे बल्कि ताली बजाते और लय में झूमते हुए नजर आ रहे थे.

हरियाणा के सूचना और जनसंपर्क विभाग के एक जनसंपर्क अधिकारी विनोद कुमार ने मिडिया को बताया, “ शनिवार की सुबह अंबाला कैंट के एक पार्क में मंत्री के साथ कोरस में गाने वाले सभी मॉर्निंग वॉकर हैं.”

विज ने कहा, “पहले मैं सदर बाज़ार जाता था जहां अखबार बेचने वाले और फेरीवाले बैठते हैं. मैं सुबह अखबार पढ़ता था और अपने लोगों के साथ चाय का लुत्फ उठाता था. उस जगह को मेरे बैठने की वजह से ‘टी पॉइंट’ की उपाधि मिली. हालांकि, सदर बाजार में ट्रैफिक के कारण, मैंने अब अंबाला कैंट में नेताजी सुभाष चंद्र पार्क जाना शुरू कर दिया है

उनसे जब पूछा गया की क्या ऐसा इसलिए था क्योंकि वह हर महीने के दूसरे शनिवार को उनके हर पखवारे में लगाए जाने वाले दरबार को बंद किए जाने के बाद बहुत खाली समय है. विज ने जवाब दिया कि 26 मार्च को उनकी घोषणा के बावजूद शनिवार को आने वाले लोगों की संख्या को देखते हुए, वह अपने दरबार को फिर से शुरू करने पर पुनर्विचार कर रहे थे.

मंत्री ने आगे कहा, “मैं सुबह 8-10 बजे पार्क में बैठता हूं. दरबार 10 के बाद ही शुरू होता है. आज भी, मैंने कई लोगों की शिकायतें सुनीं, जो पूरे हरियाणा से आए थे और दोपहर 2.30 बजे तक उनके साथ बैठे रहे, जब तक कि मैं अंत में एक फिजियोथेरेपिस्ट के साथ अपॉइंटमेंट के लिए नहीं निकला, तब तक कुछ मुझसे मिलने के लिए इंतजार कर रहे थे.”

हर महीने के दूसरे और चौथे शनिवार को, अनिल विज ने अपने दरबार आयोजित करते थे जहां राज्य भर के लोग अपनी शिकायतें लेकर आते थे. आम तौर पर, दरबार सुबह 10 बजे शुरू होता था और आधी रात के बाद तक चलता था.

अपने दरबार के दौरान, जब भी विज अधिकारियों की ओर से कुछ कमी देखते थे तो वे उन्हें बुलाकर वहीं दरबार में फटकार लगाते थे.

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