Haryana News: हरियाणा के राजकीय विद्यालयों में बच्चों को परोसे जाने वाले मध्याह्न भोजन की अब हर महीने प्रयोगशाला में जांच होगी।
![Haryana News: मिड-डे-मील की अब हर महीने प्रयोगशाला में जांच, खाने की गुणवत्ता खराब मिली तो होगी कार्रवाई](https://publicharyananews.com/static/c1e/client/99413/uploaded/398bbfda5b9a72719f438798dd960d23.jpg?width=968&height=545&resizemode=4)
चंडीगढ़, राज्य ब्यूरो: राजकीय विद्यालयों में बच्चों को परोसे जाने वाले मध्याह्न भोजन (मिड-डे-मील) की अब हर महीने प्रयोगशाला में जांच कराई जाएगी।
खाने की परीक्षण रिपोर्ट मुख्यालय भेजनी होगी। किसी स्कूल में खाने की गुणवत्ता खराब मिली तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
मौलिक शिक्षा निदेशक ने सभी मौलिक शिक्षा अधिकारियों को निर्देश दिए हैं
कि महीने में एक बार विद्यालय प्रभारी या फिर मिड-डे-मील इंचार्ज भारत सरकार द्वारा अनुमोदित की गई प्रयोगशाला में एक बार परीक्षण जरूर करवाएंगे।
मिड-डे मील की गुणवत्ता पर अकसर उठते हैं सवाल
स्कूलों में मिड-डे मील की गुणवत्ता पर अकसर सवाल उठते रहे हैं।
खाने में छिपकली या अन्य वस्तुओं के मिलने के मामले आए दिन सामने आते हैं।
इस पर संज्ञान लेते हुए सरकार ने हर महीने लैब में खाद्य सामग्री की जांच कराने का निर्णय लिया है।
वहीं, स्कूलों में ग्रीष्मकालीन अवकाश खत्म होते ही सांस्कृतिक कार्यक्रमों का सिलसिला शुरू होगा।
माध्यमिक शिक्षा निदेशक ने जुलाई के पहले सप्ताह में सभी स्कूलों में सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन करने और विजेताओं को पुरस्कृत करने के निर्देश दिए हैं।
राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक व उच्च विद्यालयों में सांस्कृतिक कार्यक्रमों के लिए चार हजार रुपये तथा माध्यमिक विद्यालयों को प्रति स्कूल दो हजार रुपये की राशि अलाट की गई है।
पूरे प्रदेश में 2312 वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालयों को 92.48 लाख रुपये, 1026 उच्च विद्यालयों को 41 लाख और 2312 माध्यमिक विद्यालयों को 46.26 लाख रुपये जारी किए गए हैं।
लिपिक और डाटा एंट्री आपरेटर की मनमानी होगी खत्म
शिक्षा सदन में कार्यरत बाबुओं की कार्यशैली से गुरुजी और कर्मचारी परेशान हैं। बाबू फाइलों को दबाए बैठे रहते हैं
तो आपरेटर व सहायक भी मनमानी करते हैं। इस पर संज्ञान लेते हुए माध्यमिक शिक्षा निदेशक डा. अंशज सिंह ने कार्यों का बंटवारा करते हुए साफ किया है
कि कोई लिपिक या डाटा एंट्री आपरेटर उच्चाधिकारियों के पास फाइल लेकर नहीं जाएगा।
शाखा अधिकारी ही उच्चाधिकारियों के पास फाइल लेकर जाएंगे और संबंधित मसले पर ब्रीफ नोट प्रस्तुत करेंगे।
डाटा एंट्री आपरेटर शाखा में डाक डायरी, रेड एंट्री तथा रिकार्ड कीपिंग का कार्य करेंगे। लिपिक डाटा एंट्री आपरेटर द्वारा पुट-अप की गई
फाइलों की समीक्षा कर पूरा ब्योरा बनाकर सहायक को प्रस्तुत करेंगे। सहायक प्रस्ताव अधीक्षक को प्रस्तुत करेंगे।
उप अधीक्षक व अधीक्षक इस पर अपनी टिप्पणी अंकित करेंगे। फिर शाखा अधिकारी ब्रीफ नोट के साथ फाइल उच्चाधिकारियों को प्रस्तुत करेंगे।