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 BJP-JJP Alliance: हरियाणा में JJP और BJP गठबंधन में तकरार? बिप्लव देब और सीएम खट्टर ने की बैठक, दुष्यंत चौटाला ने क्या कहा?

 
BJP-JJP Alliance
 

हरियाणा की राजनीति: हरियाणा के राजनीतिक गलियारों में झंझट है कि भारतीय जनता (BJP) और जननायक जनता पार्टी (JJP) की गठबंधन सरकार में सब कुछ ठीक नहीं है। जेजेपी के विधायक रामकरण ने गुरुवार (8 जून) को किसानों पर लाठीचार्ज के विरोध में हरियाणा शुगरफेड के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया।

दूसरी ओर हरियाणा भाजपा के प्रभार बिप्लव देब से चार निर्दलीय दृष्टि ने गुरुवार को दिल्ली में मुलाकात की। इसके एक दिन बाद शुक्रवार (8 जून) को देब और राज्य के मुख्यमंत्रत्री मनोहर लाल खट्टर ने किसानों के मुद्दों को लेकर बैठक की, लेकिन माना जा रहा है कि दोनों नेताओं ने मौजूदा सियासी स्थिति को लेकर चर्चा की।

इसी बीच शुक्रवार (9 जून) को डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने कहा कि 2019 के विधानसभा चुनाव के बाद बीजेपी और उनकी पार्टी जेजेपी के बीच गठबंधन राज्य में स्थिर सरकार बनाने के लिए हुई थी, किसी बाध्यता के कारण नहीं।

दुष्यंत चौटाला ने क्या कहा?


जेजेपी नेता चौटाला ने कहा, ''अक्टूबर 2019 के चुनाव के बाद भाजपा के वरिष्ठ नेता और अब केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की मौजूदगी में गठबंधन को अंतिम रूप दिया गया था।'' दोनों पक्षों के नेताओं की बयानबाजी के बाद क्या दोनों सहयोगी दलों के इस पर चौटाला ने कहा कि दोनों पक्षों ने राज्य में एक स्थिर सरकार बनाने के तरीकों पर चर्चा की थी और उसके बाद ही आपसी सहमति से गठबंधन बना था।


क्या उनकी पार्टी अकेले चुनाव मैदान में उतरेगी? इस पर दुष्यंत चौटाला ने कहा कि दोनों पार्टियों के नेता यह तय करेंगे और मुझे लगता है कि दोनों दल साथ चलना चाहते हैं।

बीजेपी ने गठबंधन को लेकर क्या कहा?


बीजेपी और जेजेपी के गठबंधन में केंद्रीय पशुपालन राज्य मंत्री और बीजेपी के वरिष्ठ नेता संजीव बालियान के बयानों ने भी हवा दी। न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, उन्होंने जींद में बुधवार (7 जून) को कहा कि उनकी पार्टी अगले साल चुनाव में अकेली उतरेगी या किसी के साथ गठजोड़ जाएगी।

बालियान ने कहा, ''यह पता चलता है कि राज्य में जेजेपी ने बीजेपी को सरकार बनाने के लिए समर्थन दिया था, लेकिन यह संभव नहीं है कि अगले चुनाव में गठबंधन होगा या नहीं। जेजेपी को लेकर चुनाव लड़ना है या नहीं, यह पार्टी संगठन तय करेगी।

जेजेपी विधायक ने इस्तीफा देते हुए क्या कहा था?


हरियाणा शुगरफेड के अध्यक्ष पद से देते हुए राम ने कहा कि उनके शाहाबाद विधानसभा क्षेत्र के किसान पुराने नाता रखते हैं और पुलिस की कार्रवाई खुद उन पर हमले जैसी थी।

दरअसल भारतीय किसान यूनियन (चढूनी) के प्रमुख गुरनाम सिंह चधूनी के नेतृत्व में किसानों ने मंगलवार (6 जून) को अहमदाबाद के पास नेशनल हाईवे को छह घंटे से अधिक समय तक जाम कर दिया और सरकार से एमएसपी पर सूर्योदय के बीज खरीदने की मांग की था। पुलिस ने अटैचमेंट को तितर-बितर करने के लिए पानी की देनदारी का इस्तेमाल किया और लाठीचार्ज किया।

किन नेताओं ने बिप्लव देब से मुलाकात की?


पीटीआई के मुताबिक, बिप्लव देब से निर्दलीय विधायक के रामपाल गोंदर, राकेश दौलताबाद, रणधीर सिंह और सोमवीर सांगवान के मिलने से माना जा रहा है कि बीजेपी और जेजेपी में दूरी बढ़ रही है. शुक्रवार को एच सुप्रीम अध्यक्ष और विधायक गोपाल कांडा ने भी दिल्ली में देब से मुलाकात की।

पिछले चुनाव में क्या परिणाम आए?


साल 2019 के हरियाणा विधानसभा चुनाव के बाद बीजेपी ने 90 सदस्यों के सदनों में 40 सीट देखी थीं और जेजेपी ने 10 सीटों पर पूरी जीत की थी। पिछले साल हुए विधानसभा उपचुनाव में जीते के बाद बीजेपी के सदस्यों की संख्या एक और बढ़ी है।

मौजूदा सदन में बीजेपी के 41 विधायक हैं, कांग्रेस के 30 और जेजेपी के 10 विधायक हैं। सात निर्दयी टके में से छह ने भाजपा का समर्थन किया था। वहीं इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) और हरियाणा लोकहित (एचएलपी) पार्टी के एक-एक सदस्य हैं। एच चमक भी लाल खट्टर सरकार का समर्थन कर रही है।

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