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 रोहतक में आशा कार्यकर्ताओं का प्रदर्शन: हड़ताल 11 सितंबर तक बढ़ी, महिलाएं बोलीं- सरकार सत्ता के नशे में चूर है

 
रोहतक में आशा वर्करों का प्रदर्शन
 

रोहतक स्थित लघु सचिवालय के बाहर आशा वर्करों वे धरना प्रदर्शन किया। इस दौरान आशा वर्करों ने सरकार के खिलाफ जोरदार नारेबाजी की। वहीं सरकार से शांतिपूर्ण बातचीत के माध्यम से समस्याओं का समाधान जल्द से जल्द करने की मांग की। हड़ताल में कलानौर CHC की आशा वर्करों ने धरना दिया। जिनकी अध्यक्षता दर्शना और इंद्रावती ने संयुक्त रूप से तथा संचालन सोनिया व सुमन ने किया।

यूनियन की जिला प्रधान अनीता भाली ने सरकार के रवैया पर रोष जताते हुए कहा कि हरियाणा की सरकार सत्ता के नशे में चूर है। इसलिए वे न केवल आशा वर्करों की आवाज को अनसुना कर रही है बल्कि प्रदेश की महिलाओं की न्यायोचित आवाज को पुलिस दमन व नौकरी से निकले जाने का डर दिखाकर दबाने का भी प्रयास कर रही है। इसलिए 11 सितंबर तक हड़ताल बढ़ा दी है।

वर्करों पर बना रहे ऑनलाइन काम का दबाव
उन्होंने कहा कि सरकार आशा वर्करों को केवल 4000 रुपए फिक्स वेतन दे रही है, जबकि झूठे बयान बाजी करके जनता को गुमराह करने का काम किया जा रहा है। आशा वर्करों पर ऑनलाइन काम का दबाव बढ़ाया जा रहा है। बिना प्रोत्साहन राशियों के काम करने पर मजबूर किया जा रहा है। जबकि ऐसा करने वाले मंत्री व विधायक आए दिन अपने वेतन भत्तों में बढ़ोतरी करते रहते हैं।

जनप्रतिनिधियों से मांगा समर्थन
सीटू के जिला कोषाध्यक्ष धर्मवीर हुड्डा ने कहा कि सरकार द्वारा 2018 में हुए समझौते को लागू नहीं किया। जिस कारण आशा वर्कर्स हड़ताल पर जाने के लिए मजबूर हुई। उन्होंने प्रदेश के तमाम जनप्रतिनिधियों से आशा वर्करों की जायज मांगों को लागू करवाने के लिए सरकार पर दबाव बनाने की भी अपील की।

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