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 Aravalli Hills: गुरुग्राम में 822 तो फरीदाबाद में 499 हेक्टेयर जंगल खत्म 50 से ज्यादा फार्म हाउस, 100 अवैध निर्माण.

 फ़रीदाबाद और गुरुग्राम समाचार: अरावली जंगल के अंदर आज भी 50 से अधिक फार्म हाउस बने हुए हैं। यहां छोटे-बड़े करीब 100 अवैध निर्माण हैं। अवैध खनन से भी अरावली को नुकसान हुआ है। इसे रोकने के लिए सरकार द्वारा उठाए गए कदम नाकाफी हैं।
 
Aravalli Hills
 
फरीदाबाद : दिल्ली-एनसीआर के लिए जीवनदायिनी अरावली पर्वत श्रृंखला से हरियाली कम होती जा रही है। हरियाणा सरकार ने विधानसभा में विधायक नीरज शर्मा के सवाल पर स्वीकार किया है कि हरियाणा के अरावली वन क्षेत्र से जंगल खत्म हुए हैं। शिवालिक की पहाड़ियों से भी ग्रीनरी का ग्राफ कम हुआ है। 1980 से अब तक अरावली की 2641 हेक्टेयर हरियाली को नुकसान पहुंचा है। इसमें दक्षिण हरियाणा के सात जिलों से गुजरने वाली अरावली का फॉरेस्ट शामिल है। सबसे ज्यादा नुकसान गुरुग्रआम क्षेत्र में अरावली को हुआ है, यहां 822 हेक्टेयर फॉरेस्ट नष्ट हो चुका है तो वहीं फरीदाबाद में 499 हेक्टेयर जमीन अवैध कब्जे, माइनिंग, अतिक्रमण की भेंट चढ़ गया। विधायक नीरज शर्मा ने कहा कि इसी तरह चलता रहा तो एक दिन पूरी अरावली खत्म हो जाएगी। अरावली को बचाने के लिए वन विभाग और सरकार ने पौधरोपण भी किया है, लेकिन उसका खास असर नहीं है। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के आदेश का हवाला भी दिया कि अभी तक अरावली से अवैध फार्म हाउस हटाने काम भी सरकार नहीं कर रही है।
 
सबसे ज्यादा जंगल गुरुग्राम में प्रभावित
हरियाणा विधानसभा के मॉनसून सत्र में एनआईटी विधानसभा क्षेत्र के विधायक नीरज शर्मा ने सरकार से अरावली के बारे में प्रश्न पूछा था। उन्होंने पूछा था कि अरावली में कितना फॉरेस्ट अभी तक नष्ट हो चुका है और सरकार अरावली बचाने के लिए क्या कर ही है। हरियाणा के वन मंत्री ने स्वीकारा कि अरावली के साथ शिवालिक पहाड़ी की हरियाली 43 साल में काफी कम हुई है। अरावली के 2641 हेक्टेयर फॉरेस्ट को नुकसान हुआ है तो वहीं शिवालिक पर्वत के 1598 हेक्टेयर फॉरेस्ट को नुकसान पहुंचा। अरावली हरियाणा के सात जिलों से होकर गुजरती है, जिसमें गुरुग्राम, फरीदाबाद, महेंद्रगढ़, नूंह, रेवाड़ी, चरखी दादरी और भिवानी शामिल हैं। इन सभी जिलों में से सबसे ज्यादा फॉरेस्ट गुड़गांव में प्रभावित हुआ है। यहां 822.43 हेक्टेयर फॉरेस्ट को नुकसान हुआ है तो वहीं फरीदाबाद में 499 हेक्टेयर फॉरेस्ट खत्म हो चुका है। शिवालिक पर्वत यमुनानगर, पंचकुला व अंबाला से होकर गुजरता है। इसमें पंचकुला के अंतर्गत शिवालिक की 601 हेक्टेयर हरियाली को नुकसान पहुंचा है।
अवैध निर्माण, माइनिंग से पहुंच रहा नुकसान
अरावली से एनसीआर को साफ हवा मिलती है तो वहीं गाउंड वॉटर के लिहाज से अरावली सबसे महत्वपूर्ण है। 1980 से अब तक लगातार अरावली को नुकसान पहुंचाया जा रहा है। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने 2021 में एक केस की सुनवाई के दौरान खोरी कॉलोनी को तोड़ने के आदेश दिए थे, जो अरावली फॉरेस्ट में बस गई थी। इसे लेकर कार्रवाई की गई, फिर सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया था कि अरावली के अंदर बने सभी तरह के अवैध निर्माण हटाए जाएं। जून-2022 में सुप्रीम कोर्ट ने सख्त आदेश दिया था, लेकिन उसके बाद स्थानीय प्रशासन ने कब्जा नहीं हटाया।

893 करोड़ रुपये कहां खर्च हुए, कुछ नहीं पता
हरियाणा के वन मंत्री कंवरपाल गुर्जर ने अपने जवाब में बताया कि हरियाणा में हरियाली बढ़ाने के लिए कैंपा (कंपन्सेंटरी अफोरेस्टेशन फंड मैनेजमेंट एंड प्लानिंग अथॉरिटी) स्कीम के तहत केंद्र सरकार की तरफ से हर साल बजट मिलता है। 2010 से 2023 तक 893 करोड़ रुपये हरियाणा को मिल चुके हैं। इससे पौधे लगाने का भी काम किया गया है। विधायक नीरज शर्मा ने बताया कि अरावली में चारों तरफ अवैध निर्माण व कब्जे हो रहे हैं, लेकिन सरकार उन्हें नहीं हटा रही है। सरकार को अरावली बचाने के लिए प्रयास करने चाहिए। कैंपा स्कीम के तहत पौधे लगाने के लिए जो पैसा आया, उसका भी सही इस्तेमाल नहीं किया गया। उसका सही इस्तेमाल किया जाता तो अरावली में हरियाली दिखाई देती। इस स्कीम के तहत 893 करोड़ रुपये सरकार को मिले हैं, वह कहां खर्च हुए हैं, इसके बारे में भी कुछ नहीं पता।

 
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