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Success Story: हरियाणा बोर्ड 10वीं के टॉपर हिमेश ने बताया सक्सेस मंत्र, रोजाना 4 घंटे पढ़ाई; आईएएस बनना चाहते हैं

 फतेहाबाद के छात्र हिमेश ने 10वीं कक्षा के परिणाम में 500 में से 498 अंक लेकर हरियाणा में प्रथम स्थान पाया है। हिमेश इतनी लगन से पढ़ाई करता था कि पढ़ाई के पीछे खाना छोड़ने पर माता-पिता से डांट भी पड़ती थी। वह अब आगे चलकर UPSC क्रैक कर एक IAS ऑफिसर बनना चाहता है।
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Success Story: हरियाणा बोर्ड 10वीं के टॉपर हिमेश ने बताया सक्सेस मंत्र, रोजाना 4 घंटे पढ़ाई; आईएएस बनना चाहते हैं
 

Success Story: बोर्ड ऑफ सेकेण्‍डरी एजुकेशन हरियाणा (BSEH) ने मंगलवार 16 मई को हरियाणा बोर्ड कक्षा 10वीं की बोर्ड परीक्षा का रिजल्‍ट जारी कर दिया है। फतेहाबाद के छात्र हिमेश ने 10वीं कक्षा के परिणाम में 500 में से 498 अंक लेकर हरियाणा में प्रथम स्थान पाया है। हिमेश इतनी लगन से पढ़ाई करता था कि पढ़ाई के पीछे खाना छोड़ने पर माता-पिता से डांट भी पड़ती थी। वह अब आगे चलकर UPSC क्रैक कर एक IAS ऑफिसर बनना चाहता है।
 

15 वर्षीय हिमेश, उनके पिता राजेश और मां बबीता से 'हरियाणा तक' ने खास बातचीत की। जब रिजल्ट आया तो पिता जी ने सबको रिजल्ट के बारे में बताया लेकिन किसी को विश्‍वास नहीं हुआ। लेकिन बाद में जब न्यूज़ में आया और रिजल्ट देखा तो सबको यकीन हुआ। अब पूरा परिवार रिजल्ट से खुश है।

सोशल मीडिया से बनाई दूरी

आज के IT के जमाने मे इंस्टाग्राम और फेसबुक पर रील बनाने में बिजी स्टूडेंट्स और युवाओं के लिए मैसेज देते हुए हिमेश ने कहा कि रील बनाने के लिए दिमाग खर्च नहीं होता, इसलिए उस पर समय देते हैं, पढ़ाई पर दिमाग खर्च होता है इसलिए उसको समय नहीं देते। स्टूडेंट्स को पढ़ाई पर फोकस करना चाहिए और इंस्टा, फेसबुक पर रील बनाने में समय खर्च नहीं करना चाहिए।

हरियाणा में नंबर वन रैंक की इस उपलब्धि तक पहुंचने के लिए हिमेश को अपने टीचर्स, स्कूल मैनेजमेंट और परिवार का पूरा सहयोग मिला। यहां तक कि अपने स्कूल के तीन सहपाठियों के सहयोग का भी हिमेश ने बहुत अहम बताया।

हिमेश बताते हैं कि 10वीं कक्षा में फिजिक्स (साइंस) उनका पसंदीदा विषय था। हालांकि, वह अधिक समय मैथ को देते थे। उसके लिए स्पेशल बुक्स भी ले रखी थीं। , हिमेश ने कहा, 'कोई भी सब्जेक्ट मुश्किल नहीं होता है, हां अगर किसी सब्जेक्ट को मुश्किल मान लिया तो वह मुश्किल हो जाता है। अगर नहीं माना जाता तो सब कुछ आसान होता है।

पिता ने बताया कैसे की थी तैयारी

हिमेश 4 घंटे का समय रोज पढ़ाई को देते थे, लेकिन एग्जाम के समय पढ़ाई के लिए समय बढ़ा दिया था। हिमेश ने कहा कि इसी तरह से आगे अपनी पढ़ाई जारी रख कर मैं एक IAS ऑफिसर बनना चाहता हूं। वहीं, हिमेश के पिता राजेश कुमार ने कहा कि बेटा हिमेश हर समय पढ़ाई करता है। पढ़ाई के अलावा उसे कोई दूसरा शौक नहीं है, बल्कि मैंने अगर कभी हिमेश को डांटा है तो वो भी समय पर खाना नहीं खाने के लिए।

पिता ने कहा, 'बेटा जिस तरह से पढ़ाई को समय देता है, उससे ये तो लगता था कि बेटा कुछ न कुछ अच्छा जरूर करेगा। लेकिन ये नहीं पता था कि हरियाणा में टॉप कर जाएगा। लेकिन आज बेटे की उपलब्धि से हम खुश हैं। मैं एक ग्रुप D का कर्मचारी हूं और 4 साल पहले ही मेरी जॉब लगी थी। हमारा परिवार काफी बड़ा है ।

और पूरे परिवार की जिम्मेदारी मुझ पर है। बेटा आईएएस अफसर बनना चाहता है, उसे जिस तरह की कोचिंग और दूसरी सुविधाएं चाहिए होंगी, उसके खर्च तो हम जरूर उठाने की कोशिश करेंगे लेकिन हरियाणा में टॉप करके प्रदेश का नाम रोशन करने वाले हमारे बच्चे को सरकार की तरफ से भी कुछ मदद मिले इस तरह की उम्मीद हमें है।

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