HCS Exam: हरियाणा की इस परीक्षा में बैठने से पहले समझ लें ये वाला नया नियम, अगर की गलती तो हो जाओगे रिजेक्ट

हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग (Haryana Staff Selection Commission) द्वारा आयोजित होने वाली HCS (हरियाणा सिविल सर्विस) परीक्षा में एक नया नियम लागू किया गया है। इस नियम के अनुसार, परीक्षा में शामिल होने वाले उम्मीदवारों को अपनी उत्तर कुंजी (Answer Key) की जांच करने के लिए एक मौका दिया जाएगा। उम्मीदवार उत्तर कुंजी की जांच करते समय अगर कोई गलती या त्रुटि मिलती है तो वह तुरंत आधिकारिक वेबसाइट पर दिए गए निर्देशों के अनुसार उसे संशोधित करना होगा।
इस नियम के अनुसार, यदि उम्मीदवारों द्वारा संशोधित उत्तर कुंजी जमा की जाती है तो वह उम्मीदवारों के लिए संशोधित उत्तर कुंजी जारी करने के बाद ही फायदेमंद होगी। अगर उम्मीदवार अपने उत्तरों में कोई त्रुटि या गलती नहीं करते हैं तो वह अपने परीक्षा परिणाम से संतुष्ट रह सकते हैं।
इस तरह के नए नियम के अनुसार उम्मीदवारों को अपनी उत्तर कुंजी की जांच करने और संशोधित करने के
HCS Exam: हरियाणा सिविल सेवा परीक्षा (एचसीएस) को लेकर अपनाए जाने वाले नए पैटर्न को लेकर हरियाणा के मुख्य सचिव संजीव कौशल ने अधिसूचना जारी कर दी है।
HCS Exam में प्रत्येक प्रश्न में पांच विकल्प यानी (ए, बी, सी, डी और ई) होंगे।
अगर कोई अभ्यर्थी किसी प्रश्न को करता है, तो उसे उपयुक्त गोले ‘ए’ ‘बी’, ‘सी’ या ‘डी’ को काला करना होगा
और अगर प्रश्न नहीं करना है तो उसे ‘ई’ गोले को काला करना होगा।
अगर किसी भी गोले को काला नहीं किया जाता है तो एक चौथाई (0.25) अंक काट लिए जाएंगे।
कोई भी उम्मीदवार 10 प्रतिशत से अधिक प्रश्नों में पांच गोलों में से किसी एक को काला नहीं करता है तो उसे अयोग्य घोषित कर दिया जाएगा।
पिछले दिनों ही हरियाणा सरकार ने यह फैसला लिया था।
इसके अलावा, मुख्य सचिव की ओर से जारी एक अन्य अधिसूचना के मुताबिक, हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग द्वारा ग्रुप-सी और ग्रुप-डी पदों पर सामान्य पात्रता परीक्षा के लिए आवेदन करने वाले उम्मीदवारों को पंजीकरण के समय आधार प्रमाणीकरण सेवा का उपयोग http://onetimeregn.haryana.gov.in पोर्टल पर अनिवार्य करने का निर्णय लिया गया।
हरियाणा सरकार ने भारतीय प्रशासनिक सेवा में चयन के लिए संघ लोक सेवा आयोग की सिफारिश के लिए अपने ग्रुप-ए पदों की घोषणा की है।
इस संदर्भ में मुख्य सचिव संजीव कौशल ने आदेश जारी किया है।
आदेश के अनुसार राज्य सरकार उस व्यक्ति के मामले पर विचार करेगी जो राज्य सिविल सेवा से संबंधित नहीं है लेकिन राजपत्रित पद पर कार्यरत है।
राज्य में डिप्टी कलेक्टर के पद के समकक्ष घोषित किसी भी पद पर विचार के लिए अधिकारी की सेवा राज्य सरकार के अधीन आठ साल पूरी होनी चाहिए।
साथ ही उस व्यक्ति का प्रस्ताव सिविल सेवा कमेटी के लिए प्रस्तावित किया गया हो।
कमेटी के विचार के लिए प्रस्तावित व्यक्तियों की संख्या वर्ष के दौरान भरे जाने के लिए प्रस्तावित रिक्तियों की संख्या से पांच गुणा से अधिक नहीं होगी।
डिप्टी कलेक्टर के समकक्ष घोषित पदों में
उप आबकारी एवं कराधान आयुक्त,
संयुक्त आबकारी एवं कराधान आयुक्त,
अतिरिक्त आबकारी एवं कराधान आयुक्त,
उप निदेशक, खाद्य एवं आपूर्ति,
संयुक्त निदेशक, खाद्य एवं आपूर्ति,
अपर निदेशक, खाद्य एवं आपूर्ति,
जिला राजस्व अधिकारी, सहकारी प्रबंधन केंद्र,
रोहतक के प्रधानाचार्य,
सहकारी समितियों के उप रजिस्ट्रार,
सहकारी समितियों के संयुक्त रजिस्ट्रार,
सहकारी समितियों के अतिरिक्त रजिस्ट्रार,
सहकारी समितियों के मुख्य लेखा परीक्षक,
डीडीपीओ,
राज्य सामुदायिक विकास प्रशिक्षण केंद्र के प्रधान,
उप निदेशक पंचायत,
संयुक्त निदेशक विकास,
अपर निदेशक पंचायत,
उप परिवहन नियंत्रक (यातायात),
उड़नदस्ता अधिकारी (यातायात) महाप्रबंधक,
राज्य परिवहन, सहायक निदेशक,
रोजगार, उप निदेशक,
रोजगार, संयुक्त निदेशक,
रोजगार एवं संभागीय रोजगार अधिकारी शामिल हैं।