सिम कार्ड को लेकर आए नए नियम, अब आधार, पासपोर्ट और पुलिस वेरिफिकेशन जैसी चीजें होंगी जरूरी, नहीं मानने पर लगेगा 10 लाख रुपये का जुर्माना

नई दिल्ली: आजकल फर्जी सिम कार्ड काफी ज्यादा बिक रहे हैं। इससे फ्रॉड भी हो रहा है। इसी को देखते हुए ट्राई की तरफ से सिम कार्ड के नियमों में बदलाव किया जा रहा है। एक रिपोर्ट के अनुसार, फर्जी सिम कार्ड कनेक्टशन को प्वाइंट ऑफ सेल से एक्टिवेट किया जाता है। इसीलिए ट्राई की तरफ से फ्रॉड को रोकने के लिए सिम कार्ड बेचने वाले थोक बिक्रेता के लिए नियम कड़े कर दिए हैं। ये नए नियम 10 अक्टूबर से लागू होंगे। अब अगर 30 सितंबर के बाद कोई भी बिना रजिस्ट्रेशन के सिम कार्ड बेचता है तो उसपर 10 लाख रुपये का जुर्माना लगेगा।
इस नए नियम के बाद हर कोई गली नुक्कड़ पर सिम कार्ड नहीं बेच पाएगा। अब इसके लिए लाइसेंस लेना होगा। लाइसेंसिंग का प्रोसेस काफी कठिन होगा। इसमें आधार और पासपोर्ट की तरह वेरिफिकेशन किया जाएगा। इसके साथ ही पुलिस वेरिफिकेशन होगा। अब अगर आपके ऊपर कोई आपराधिक मामला दर्ज होगा या किसी फ्रॉड की गतिविधियों में शामिल होंगे, तो आपको सिम कार्ड बेचने का लाइसेंस नहीं दिया जाएगा। वहीं आप किसे फ्रेंचाइजी दे रहे हैं। आपके एजेंट और डिस्ट्रीब्यूटर का भी पुलिस वेरिफिकेशन होगा।
ये दस्तावेज देने होंगे
लीकॉम ऑपरेट प्वाइंट ऑफ सेल के रजिस्ट्रेशन और वेरिफिकेशन की जांच करनी होगी। वेरिफिकेशन के लिए सिम बेचने वाले को कुछ दस्तावेज जैसे कारपोरेट आइडेंटिटी नंबर और बिजनेस लाइसेंस के साथ आधार और पासपोर्ट की जानकारी देनी होगी। इसके साथ ही वर्किंग एंड्रेस और लोकल निवास स्थान की डिटेल देनी होगी। इसके अलावा सिम बिक्रेता को आधार बेस्ड ई-केवाईसी जैसी बॉयोमेट्रिक डिटेल देनी होगी।
एग्रीमेंट होगा
टेलीकॉम ऑपरेटर और पीओएस एक लिखित समझौते पर हस्ताक्षर करेंगे, जिसमें कस्टमर इनरोलमेंट, एरिया ऑफ ऑपेरशन्स और नियमों को तोड़ने पर कार्रवाई की जाएगी, उसकी जानकारी लिखी जाएगी।
यूनीक आईडी जारी होगी
ट्राई एक यूनीक PoS आईडी जारी करेगा। यही वैध PoS आईडी वाले विक्रेता कस्टमर का इनरोलमेंट कर पाएंगे। अगर सिम कार्ड विक्रेता नियमों का उल्लंघन करते पाए जाते हैं, तो उनकी आईडी को बंद कर दिया जाएगा। उन्हें 24 घंटे में ब्लॉक कर दिया जाएगा।