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ज्यादा पेंशन पर नया सर्कुलर... अतिरिक्त भुगतान पर सहमति के लिए मिलेगा 3 महीने का समय, विकल्प चुनने की यह है आखिरी तारीख

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बता दें नवंबर 2022 को सुप्रीम कोर्ट ने  Employees Pension (Amendment) Scheme 2014 को बरकरार रखा था. 22 अगस्त 2014 के ईपीएस संशोधन ने पेंशन योग्य सैलरी कैप को 6,500 रुपये प्रति माह से बढ़ाकर 15,000 रुपए प्रति माह किया गया था. इसके साथ ही मेंबर्स और एम्प्लॉयर्स को EPS में उनके वास्तविक वेतन का 8.33% कॉन्ट्रीब्यूट करने की भी अनुमति दी थी.
 

हायर पेंशन (उच्च पेंशन) या उच्च पेंशन को लेकर कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) की ओर से नया सर्कुलर जारी किया गया है। इसके अनुसार, अंशधारकों और पेंशनभोगियों को अतिरिक्त योगदान या बकाए के भुगतान पर सहमति देने के लिए अब तीन महीने का समय दिया जाएगा। ईपीएफओ की ओर से गुरुवार को ये सर्कुलर जारी किया गया है। इससे पहले, पिछले साल नवंबर 2022 में सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से अंशधारकों को हायर पेंशन के लिए 4 महीने का समय देने का निर्देश दिया था।


विकल्प कारण की समय सीमा 26 जून
बता दें अंशधारकों को हायर पेंशन का विकल्प देते हुए ईपीएफओ ने नियोक्ताओं के साथ संयुक्त विकल्प फॉर्म जारी किया है। इसे भरने के लिए संगठन की ओर से ऑनलाइन सुविधा भी शुरू की गई है। पिछले दिनों ही इस विकल्प को मान्यता के लिए निर्धारित अंतिम तिथि को आगे बढ़ाया गया था। इसके तहत उच्च पेंशन चयन का चयन करने की समय सीमा तीन मई, 2023 थी, जो अब 26 जून, 2023 कर दी गई है। नए सर्कुलर में इस बात को स्पष्ट कर दिया गया है कि एक्सट्रा पात्रता विकल्प का संबद्ध क्षेत्रीय अधिकारी और जो राशि निर्धारित होगी, उसके बारे में सूचना हायर पेंशन धारक अंशधारकों को दी जाएगी।

नए सर्कुलर में अभी भी अनसुलझे सवाल
बिजनेस स्टैंडर्ड की रिपोर्ट के मुताबिक, नए सर्कुलर में कहा गया है कि पेंशनभोगियों/सदस्यों को पैसा जमा करने और कोष के अंतरण के लिए सहमति देने को लेकर 3 महीने तक का समय मिलेगा. हालांकि, अभी तक इसे लेकर तस्वीर साफ नहीं हो सकी है कि हायर पेंशन का ऑप्शन चुनने पर कैसे अतिरिक्त योगदान का विकल्प काम करेगा और पेमेंट का प्रोसेस क्या होगा. इसके साथ ही इस सवाल का जबाव भी नहीं मिला है कि अगर अधिक राशि मांगे जाने की स्थिति क्या उन्हें हायर पेंशन स्कीम से बाहर होने का विकल्प मिलेगा?

1.16% का एक्स्ट्रा पेमेंट लिया जाएगा
श्रम मंत्रालय की ओर से मई की शुरुआत में ही ये स्पष्ट कर दिया गया था कि हायर पेंशन का ऑप्शन चुनने वालों के मूल वेतन का 1.16 फीसदी अतिरिक्त योगदान ईपीएफओ की संचालित सामाजिक सुरक्षा योजना में नियोक्ता के योगदान से लिया जाएगा. फिलहाल सरकार कर्मचारी पेंशन योजना (Employee Pension Scheme) में 15,000 रुपये के मूल वेतन की सीमा पर 1.16 फीसदी का योगदान सब्सिडी के रूप में देती है. अभी तक कर्मचारी ईपीएफओ की सामाजिक सुरक्षा योजना में 12 फीसदी का योगदान देते हैं, जबकि नियोक्ता के 12 फीसदी योगदान में से 8.33 फीसदी EPS में और 3.67 फीसदी कर्मचारी भविष्य निधि में जाता है.

12 लाख से ज्यादा आवेदन हुए प्राप्त 
बीते दिनों आई पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, श्रम मंत्रालय ने एक बयान में कहा था कि EPFO ने 4 नवंबर, 2022 को सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार पेंशनभोगियों/सदस्यों से विकल्प/संयुक्त विकल्प के सत्यापन के लिए आवेदन प्राप्त करने की व्यवस्था की है. इस प्रक्रिया को सरल बनाने के लिए ऑनलाइन सुविधा उपलब्ध कराई गई है. हायर पेंशन ऑप्शन चुनने के लिए अब तक 12 लाख से अधिक आवेदन प्राप्त हो चुके हैं.

ये कर्मचारी चुन सकते हैं हायर पेंशन ऑप्शन
EPFO की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक, जिन कर्मचारियों ने 5,000 रुपये या 6,500 रुपये की तत्कालीन वेतन सीमा से अधिक सैलरी में कॉन्ट्रिब्यूट किया था और EPS-95 के सदस्य होने के दौरान संशोधित योजना के साथ EPS के तहत ऑप्शन चुना था, वह हायर पेंशन के लिए योग्य होंगे. वहीं, योग्य सदस्य को बढ़े हुए लाभ के लिए अपने नियोक्ता के साथ ज्वाइंट रूप से आयुक्त द्वारा निर्धारित आवेदन पत्र और अन्य सभी जरूरी दस्तावेजों जैसे ज्वाइंट घोषणा आदि आवेदन में करना होगा. 

बता दें नवंबर 2022 को सुप्रीम कोर्ट ने  Employees Pension (Amendment) Scheme 2014 को बरकरार रखा था. 22 अगस्त 2014 के ईपीएस संशोधन ने पेंशन योग्य सैलरी कैप को 6,500 रुपये प्रति माह से बढ़ाकर 15,000 रुपए प्रति माह किया गया था. इसके साथ ही मेंबर्स और एम्प्लॉयर्स को EPS में उनके वास्तविक वेतन का 8.33% कॉन्ट्रीब्यूट करने की भी अनुमति दी थी.

 

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