आ गई बड़ी खुशखबरी खुशखबरी सरकारी बैंकों पर मंडरा रहा निजीकरण का खतरा, जल्द हो जाएंगे प्राइवेट!
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1969 में हुआ था राष्ट्रीयकरण
भारत में 55वें बैंक राष्ट्रीयकरण दिवस की पूर्व संध्या पर निकाय की ओर से जारी एक बयान में कहा गया कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (PSB) ने 1969 में निजी बैंकों के राष्ट्रीयकरण के बाद से वित्तीय समावेशन को बढ़ावा देने और बचत बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है.
AIBOC ने दी जानकारी
एआईबीओसी के महासचिव रुपम रॉय ने कहा है कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों पर वास्तव में निजीकरण का खतरा मंडरा रहा है. यह एक वैचारिक संघर्ष है जिसे ऐसी वैकल्पिक विचारधारा के जरिये दूर किया जा सकता है जो बड़ी आबादी के कल्याण को प्राथमिकता देती हो.
बैंकिंग सिस्टम में हुए कई बदलाव
उन्होंने कहा कि राष्ट्रीयकरण के बाद से ये पीएसबी कृषि, लघु एवं मझोले उद्यमों (SMI), शिक्षा तथा बुनियादी ढांचा जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों को धन मुहैया करा रहे हैं. रॉय ने कहा है कि वे आर्थिक विकास, वृद्धि को बढ़ावा देने और लाखों भारतीयों को बैंकिंग सेवाओं तक पहुंच प्रदान करने में एक महत्वपूर्ण स्तंभ रहे हैं.
2019 में हुआ था मर्जर
आपको बता दें सरकार की तरफ से अगस्त 2019 में 10 में से 4 बैंकों का मर्जर किया गया था, जिसके बाद देश में सरकारी बैंकों की संख्या 27 से घटकर 12 रह गई है. फिलहाल इन बैंकों के निजीकरण के बारे में अभी कोई भी प्लानिंग नहीं है. वित्तमंत्रालय ने राय देते हुए कहा है कि इन सभी बैंकों को प्राइवेटाइजेशन से बाहर रखा जाए. साल 2019 में बनाई गई कंसॉलिडेशन योजना से मिली जानकारी के मुताबिक, सरकार की ओर से कई बैंकों का मर्जर तो कर दिया गया है, लेकिन अभी इनके एकीकरण की प्रक्रिया बकाया है, जिसको जल्द ही पूरा किया जा सकता है.