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एबीबी इंडिया का शेयर अपने 52 हफ्तों के उच्चतम स्तर के करीब है, फिर विश्लेषक इसमें निवेश की सलाह क्यों नहीं दे रहे हैं?

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ABB India

दिसंबर के अंत से ABB India का स्टॉक करीब 50 फीसदी चढ़ चुका है। बीते एक साल में यह 77 फीसदी चढ़ा है। बीते तीन साल में इसने 360 फीसदी से ज्यादा रिटर्न दिया है 

वी इलेक्ट्रिकल इक्विपमेंट बनाने वाली इस कंपनी के शेयरों में विदेशी निवेशकों की अच्छी दिलचस्पी रही है। लेकिन, चौथी तिमाही के अच्छे नतीजों के बावजूद इसे लेकर एनालिस्ट्स का उत्साह ठंडा रहा है। दिसंबर के अंत से ABB India का स्टॉक करीब 50 फीसदी चढ़ चुका है। बीते एक साल में यह 77 फीसदी चढ़ा है। बीते तीन साल में इसने 360 फीसदी से ज्यादा रिटर्न दिया है। 

12 मई को मार्केट बंद होने पर इस स्टॉक का प्राइस 2.1 फीसदी के उछाल के साथ 3,942.65 रुपये पर बंद हुआ। इससे पहले इसने 3,955 रुपये का 52 हफ्ते के हाई को टच कर गया था। सवाल है कि इस स्टॉक में विदेशी निवेशकों के जबर्दस्त भरोसे के बावजूद आखिर क्या वजह है कि इसमें एनालिस्ट्स की दिलचस्पी नहीं है?

मुनाफावसूली की सलाह

जेम्सस्टोन इक्विटी रिसर्च के टेक्निकल एनालिस्ट मिलन वैष्णव ने कहा है कि ABB India ने 3,440 रुपये पर बड़ा डबल-टॉप ब्रेकआउट दिया है, जिससे इसमें हालिया तेजी दिखी है। उनका मानना है कि करेंट लेवल पर इस स्टॉक में कुछ कंसॉलिडेशन और रिट्रेसमेंट दिख सकता है। यह इस स्टॉक में फ्रेश एंट्री के लिए सही समय नहीं है, क्योंकि इसका रिस्क-रिवॉर्ड रेशियो फेवरेबल नहीं दिख रहा है। उन्होंने कहा कि मौजूदा निवेशक इसमें थोड़ी मुनाफावसूली कर सकते हैं।

मार्च तिमाही में अच्छा प्रदर्शन

इस कंपनी ने मार्च तिमाही में बहुत अच्छा प्रदर्शन किया है। पिछले पांच साल में साल दर साल आधार पर ऑर्डर में सबसे ज्यादा 36 फीसदी की ग्रोथ मार्च तिमाही में देखने को मिली। इसकी ऑर्डर बुक 3,125 करोड़ रुपये है। हालांकि, कंपनी का प्रॉफिट मार्च तिमाही में 33 फीसदी से ज्यादा गिर कर 245 करोड़ रुपये पर आ गया, लेकिन इसका रेवेन्यू बढ़कर 2,411 करोड़ रुपये पहुंच गया।

 पिछले साल की मार्च तिमाही में रेवेन्यू 1,968 करोड़ रुपये था। कोटक इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज ने कहा है कि अर्निंग्स में दूसरी इनकम (Other Income) फास्टर कैश कनवर्जन का सबसे ज्यादा हाथ रहा। इस कंपनी का ऑर्डर बैकलॉग लगातार बढ़ रहा है। यह 31 मार्च, 2023 को 7,170 करोड़ रुपये था। इससे कंपनी के रेवेन्यू को लेकर तस्वीर साफ दिखती है।

कुछ सेगमेंट में अच्छा प्रदर्शन

ऑर्डर और सेगमेंट मार्जिन दोनों ही हिलाज से इलेक्ट्रिफिकेशन सेगमेंट का प्रदर्शन सबसे अच्छा रहा। मोशन और इलेक्ट्रिफिकेशन के रेवेन्यू में साल दर साल आधार पर क्रमश: 4 फीसदी और 5 फीसदी की ग्रोथ देखने को मिली। हालांकि, प्रोसेस ऑटोमेशन सेगमेंट में तिमाही दर तिमाही आधार पर 18 फीसदी गिरावट आई। सीजनल वजहों से ऐसा हुआ। 

बढ़ती डिमांड को पूरी करने के लिए कंपनी अपनी फैसिलिटीज में इनवेस्ट कर रही है। इलेक्ट्रिफिकेशन और ऑटोमेशन में यह टेक्नोलॉजी लीडर है। फ्यूचर में इसके लिए अच्छी संभावनाएं दिखती हैं। कुछ एनालिस्ट्स का मानना है कि कंपनी को ग्लोबल सप्लाई चेन डायवर्सिफिकेशन का फायदा भी मिलेगा।

ब्रोकरेज फर्मों की राय

कोटक इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज ने इस कंपनी के शेयरों के लिए प्राइस टारगेट 2 फीसदी बढ़ाकर 3,500 कर दिया है। फिर भी उसका कहना है कि इस शेयर को खरीदने के लिए बेहतर कीमत का इंतजार करना ठीक रहेगा। उसने इस स्टॉक पर अपनी राय 'Reduce' बनाए रखी है। उसने कहा है, "हमने CY2023-25 के लिए ऑर्डरिंग ग्रोथ का अनुमान घटाकर करीब 17 फीसदी CAGR कर दी है। मार्जिन का अनुमान 12.2-12.6 फीसदी के बीच बनाए रखा है।"

Nuvama इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज को इस स्टॉक में सबसे फेवरेबल कंडिशंस में तेजी की गुंजाइश नहीं दिख रही। पिछले दो साल में हर सेगमेंट में अच्छी ग्रोथ के बाद भी इस ब्रोकरेज फर्म को आगे चैलेंज दिख रहे हैं। दूसरी मल्टीनेशनल कंपनियों के मुकाबले एबीबी को ज्यादा रॉयल्टी फीस चुकानी पड़ती है। ऑर्डर फ्लो की ग्रोथ मौजूदा स्तर पर बने रहने की उम्मीद नहीं है। 

ऑपरेटिंग मार्जिन को लेकर भी चिंता दिख रही है। इस ब्रोकरेज फर्म ने इसके शेयरों को 'होल्ड' करने सलाह दी है। हालांकि, उसने कैलेंडर ईयर 2023 में EPS के अनुमान को 8 फीसदी बढ़ा दिया है।

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