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  5 मजदूरों के बराबर... किसानों के ये जुगाड़ यंत्र, गरीबी में बनाए गए, खेती करने में आसान और पूरे जिले में जाने जाते हैं

 
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किसान ने  को बताया कि खेतों में फसल उगाने से मिलने वाली आय से वह अपने परिवार को पालते थे। वे इतनी बचत नहीं कर पाए थे कि कृषि कार्य करने के लिए महंगे उपकरण खरीद सकें। इस प्रकार..।

किसानों को पारंपरिक खेती से आधुनिक खेती की ओर कदम बढ़ाने के दौरान कई महंगे कृषि यंत्रों की आवश्यकता होती है। लेकिन किसान अपनी कमजोर आर्थिक स्थिति की वजह से इसे खरीद नहीं पाते। चतरा के पत्थलगड़ा प्रखंड के नावाडीह डमौल पंचायत के चौथा निवासी देवचंद दांगी ने जुगाड़ तकनीक से कृषि यंत्र बनाकर पूरे जिले के किसानों को प्रेरणा दी है।

5 मजदूरों समान काम करते हैं जुगाड़ किसान देवचंद दांगी ने  को बताया कि खेतों में फसल उगाने से उनकी आमदनी अपने परिवार को चलाती थी। वे इतनी बचत नहीं कर पाए थे कि कृषि कार्य करने के लिए महंगे उपकरण खरीद सकें। ऐसे में, उन्होंने जुगाड़ विधि का उपयोग करके एक मल्टीपरपज कृषि यंत्र बनाया। यह कृषि यंत्र जुगाड़ तकनीक से बनाया गया है और पांच मजदूरों के बराबर काम करता है, जिससे समय बचता है। कोई खर्च भी नहीं होता।

किसान ने बताया कि साइकिल के फ्रेम में मध्यम आकार का चक्का लगाया गया है। वहीं खेत की जुताई करने के लिए पीछे की तरफ कुदाल लगाया गया है। वहीं, आवश्यकतानुसार पार्ट बदलते रहते हैं। उनका कहना था कि इससे खरपतवार भी दूर हो सकते हैं। इसी से प्याज, टमाटर, मिर्च और अन्य सब्जियों की खेती करते हैं और जरूरत पड़ने पर निराई और गुड़ाई भी करते हैं। वह जुगाड़ तकनीक से बनाए गए कृषि उपकरण को 3 हजार रुपये में पूरी तरह से बनाकर किसानों को देते हैं।

खेतों में जैविक उर्वरक का उपयोग करने वाले किसान ने कहा कि वे रासायनिक उर्वरक का उपयोग नहीं करते हैं। खेतों में तैयार होने वाली फसलों के लिए जैविक उर्वरक का प्रयोग करते हैं, जो बेहतर उत्पादन देते हैं। साथ ही, घर में कीड़े को मारने के लिए नीम, धतूरा, अकवन और अन्य पौधों के पत्तों का मिश्रण छिड़काव करना बहुत अच्छा काम करता है। बताया कि जैविक खेती की जानकारी लेने के लिए जिले के कई किसान भी आते हैं।

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