इलायची की फसल: इलायची की फसल में लगने वाले प्रमुख रोग एवं उपचार
![इलायची की फसल: इलायची की फसल में लगने वाले प्रमुख रोग एवं उपचार](https://publicharyananews.com/static/c1e/client/99413/uploaded/fc6d846de37f0004aa49287d759e6a56.jpg?width=968&height=545&resizemode=4)
बाजार में भी इलायची की मांग साल भर बनी रहती है. ऐसे में किसान भाई इसकी खेती करके अच्छा लाभ कमा सकते हैं. लेकिन इसकी खेती के लिए फसल में लगने वाले रोग और प्रबंधन के बारे में जानना बहुत ही महत्वपूर्ण है.
इलायची के रोग एवं प्रबंधन
इलायची की फसल में वैसे तो कई तरह के रोग होते हैं, लेकिन तीन रोग सबसे ज्यादा देखने को मिलते हैं, जिनके नाम इस प्रकार हैं. कटल रोग, कैप्सूल सड़न, डैम्पिंग ऑफ या प्रकंद सड़न रोग आदि। आइए इन बीमारियों के बारे में विस्तार से जानते हैं।
कट्टे रोग: यह रोग फसल की नई पत्तियों पर दिखाई देता है. यह आकार में स्पिंडल और पतला क्लोरोटिक फ्लीक्स होता है. कुछ दिनों के बाद यह पीली हरी असंतुलित धारियों में बदल जाता है, जिससे पत्तियां नष्ट होने लगती हैं.
कट्टे रोग से बचाव: इस रोग से बचने के लिए खेत में हमेशा स्वस्थ पौध का ही इस्तेमाल करें.
कैप्सूल सड़ांध (Capsule Rot): यह रोग भूरे-काले रंग का होता है. इसके प्रभाव में फसल आने से उन्हें बहुत ही ज्यादा हानि पहुंचती है.
कैप्सूल सड़ांध रोग से बचाव: जितना हो सके मानसून के दौरान फसल की देखरेख करें. किसी भी तरह के वायरस या फिर कीड़ों को देखते हैं, तो उसे तुरंत बाहर निकाल दें. कैप्सूल सड़ांध के बचाव के लिए 1% बोर्डो मिश्रण का सही तरीके से छिड़काव करें.